देश

देवभूमि उत्तराखंड को शर्मिंदा कर रहा शराब और मांस का व्यापार

-केदारनाथ धाम में रह रहे बाबा बर्फानी महाराज ने जताई चिंता

रुद्रप्रयाग
 देवभूमि उत्तराखंड में शराब और मांस के व्यवसाय से संत समाज आहत है। खासकर केदारनाथ यात्रा पड़ावों में मांस का व्यवसाय धड़ल्ले से चलने के कारण संत समाज ने कड़ा आक्रोश जताया है।

बाबा बर्फानी से नाम प्रसिद्ध संत ललित रामदास महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के चारधामों के पड़ावों में इस तरह के व्यवसाय पर रोक लगनी बहुत जरूरी है। इससे देश-विदेश से यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की भावनाओं को ठेस तो पहुंचती ही है। साथ ही वे यहां से अच्छा संदेश लेकर नहीं जाते हैं। संत समाज ने तीर्थ स्थलों को पर्यटन ना बनाएं जाने की बात की है।

आपदा के बाद से शीतकाल और ग्रीष्मकाल दोनों सीजनों में धाम में रहकर केदारनाथ बाबा की तपस्या में लीन रहने वाले बाबा बर्फानी से प्रसिद्ध ललित रामदास महाराज ने देवूभमि उत्तराखंड में मांस और मदिरा का व्यवसाय होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में यात्रा की तैयारियों को प्रशासन जुटा हुआ है। देश-विदेश के श्रद्धालु चार धामों के कपाट खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इन दिव्य धामों में एक केदारनाथ धाम भी है।

केदारनाथ यात्रा को तीर्थाटन बनाए रखने में सरकार और शासन-प्रशासन को सहयोग करने की जरूरत है। यह क्षेत्र मनोरंजन का स्थान नहीं है, बल्कि तीर्थाटन का क्षेत्र है। यहां लोग शांति के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की पहचान इन्हीं धामों से है। कोई नहीं जानता रुद्रप्रयाग और चमोली जिला कहां है, लेकिन सभी को यह मालूम है कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम देवभूमि उत्तराखंड में हैं। इसलिए बाहरी राज्यों के लोग उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जानते हैं।

उन्होंने कहा कि मांस और मदिरा ये दोनों चीजें आय की व्यवस्था हो सकती हैं, लेकिन यह व्यवस्था सही नहीं है। इससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने सरकार और शासन-प्रशासन को सुझाव दिया कि बाबा केदार के धाम में बड़े-बड़े राजनेता, अधिकारी पहुंचते हैं और वे बाबा के सामने नतमस्तक हो जाते हैं। बाबा के पड़ावों में मदिरा और मांस का सेवन बंद किया जाना चाहिए। चारधाम की यात्रा हरिद्वार से प्रारम्भ होती है। पंच बद्री और पंच केदार देवभूमि उत्तराखंड में हैं। शराब और मांस का व्यवसाय हमारे देवभूमि के आकर्षण को कम करने का काम कर रहे हैं।ऐसे में चारधामा यात्रा शुरू होने से पहले इन दोनों चीजों को तीर्थ स्थलों में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से लेकर केदारनाथ हाइवे के काकड़ागाड़ तक चार से पांच अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं, जबकि यात्रा मार्ग पर जगह-जगह मांस की दुकानें भी खुली हुई हैं। यात्रा के दौरान मांस का व्यापार खुलेआम होने और जगह-जगह हाइवे पर शराब की दुकानें खुली होनी से तीर्थयात्रियों की आस्था को ठेस पहुंचती है। ऐसे में संत समाज ने इस बार केदारनाथ यात्रा पड़ावों में शराब और मांस का व्यवसाय बंद करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन से इन दुकानों को यात्रा के दौरान नहीं खोलने की मांग की है।

पिछले वर्ष यात्रा के दौरान गौरीकुंड और सोनप्रयाग जैसे मुख्य यात्रा मार्गों पर शराब और मांस का व्यवसाय जोरों से चलने के कारण तीर्थयात्रियों की आस्था को ठेस पहुंचाने का कार्य किया। इसके बाद से यात्रा पड़ावों पर शराब और मांस के व्यवसाय को बंद करने की मांग की जा रही है। साथ ही तीर्थ धाम केदारनाथ को तीर्थस्थल का क्षेत्र बनाने बात कही है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button