प्रदेश के आदर्श स्कूलों में होगी लैंग्वेज लैब की स्थापना, टीचरों को दी जाएगी कम्युनिकेशन स्किल की ट्रेनिंग
रांची
लैंग्वेज लैब का उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों को भाषा में निपुण बनाना है ताकि उनका कम्युनिकेशन स्किल बेहतर हो सके। इसके लिए सबसे पहले शिक्षकों का इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके तहत इन विद्यालयों के 3,400 शिक्षकों को बेसिक लैंग्वेज कम्युनिकेशन स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें से 900 शिक्षकों को एडवांस लेवल लैंग्वेज स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इन भाषाओं में का चयन
विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रविधानाें के आलोक में चार भाषाओं में बच्चों को निपुण बनाने के लिए लैंग्वेज लैब की स्थापना का निर्णय लिया है। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत के अलावा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार एक अन्य भाषा तय की जाएगी।
ग्रामीण छात्रों को मिलेगा लाभ
सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले अधिसंख्य विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के होते हैं। इस वजह से उनकी अंग्रेजी भाषा में पकड़ कमजोर होती है। अंग्रेजी भाषा का ज्ञान कम होने पर विद्यार्थी में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। ऐसे में विद्यार्थी प्रतियोगिता में पिछड़ जाते हैं। इतना ही नहीं, कई विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं, जिनकी हिंदी भाषा पर पकड़ कम होती है।
ग्रामीण छात्रों का बढ़ेगा आत्मविश्वास
विद्यार्थी स्कूल में बोलते समय जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं, उनमें ज्यादातर शब्दों का गलत उच्चारण करते हैं। विद्यार्थियों की भाषा पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए लैंग्वेज लैब की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इससे विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाओं पर अपनी पकड़ बनाने में आसानी होगी, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
स्कूलों के भ्रमण में शिक्षकों की बायोमिट्रिक उपस्थिति भी देखेगी टीम
राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की निदेशक किरण कुमारी पासी ने सितंबर माह में स्कूलों के भ्रमण के लिए अधिकारियों की जिलावार टीम गठित कर दी है। उन्हें निरीक्षण के बिंदू की विस्तृत जानकारी दे दी गई है।
प्रत्येक टीम को स्कूलों के भ्रमण के दौरान शिक्षकों द्वारा बनाई जा रही बायोमिट्रिक उपस्थिति भी देखने को कहा गया है। टीम इसकी भी समीक्षा करेगी कि किसी स्कूल में पिछले भ्रमण के समय जो कमियां चिह्नित की गई थीं, उन्हें दूर करने के लिए क्या प्रयास किया गया।
शुक्रवार या शनिवार को निरीक्षण की प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक टीम को निरीक्षण के क्रम में समग्र शिक्षा अभियान के विभिन्न कार्यक्रमों, मध्याह्न भोजन योजना, पाठ्य पुस्तक वितरण, स्वच्छता आदि की समीक्षा करने को कहा गया है।