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जानिए कौन हैं बापू मुरारी, निर्माण के लिए दिया सबसे ज्यादा 11.3 करोड़ रुपए का दान

अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को अब कुछ ही दिन रह गए हैं। इस समारोह में पहुंचने के लिए काफी हद तक न्यौते जारी कर दिए। भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए देश-विदेश से रामभक्तों ने दिल खोलकर दान दिया है। इस बीच, बन रहे राम मंदिर के लिए अब तक सबसे अधिक दान अध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मुरारी बापू ने दिया है। अब सबसे अधिक दान अध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मुरारी बापू ने दिया है। इसके अलावा, अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में स्थित उनके अनुयायियों ने सामूहिक रूप से अलग से 8 करोड़ रुपए का दान दिया है।

बापू ने दिया इतना दान
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि बन रहे राम मंदिर के अब सबसे अधिक दान अध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मुरारी बापू ने दिया है। बताया जा रहा है कि मुरारी बापू ने करीब 11.3 करोड़ रुपये का दान दिया है। इसी के साथ अब तक श्रीराम मंदिर के समर्पण निधि वाले अकाउंट में ही अब तक 3200 करोड़ रुपए आ चुके हैं।
 
जानें कौन है बापू मोरारी
मुरारी बापू राम चरित मानस के एक प्रसिद्ध व्याख्याता हैं और दुनिया भर में पचास वर्षों से अधिक समय से राम कथाओं का पाठ कर रहे हैं। उनकी कथा का मुख्य उद्देश्य लोगों में शांति, सत्य और प्रेम-करुणा का संदेश फैलाना है। जबकि, बापू खुद अन्य धर्मों से उदाहरण लेते हैं और सभी धर्मों के लोगों को प्रवचन में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं।
 
कब और कहां हुआ था जन्म
बापू का जन्म 1946 में शिवरात्रि के दिन गुजरात के भावनगर जिले के महुवा के निकट तलगाजर्डा गांव में हुआ था और वह आज भी अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं। वह वैष्णव बावा साधु निम्बार्क वंश से संबंध रखते हैं और उन्होंने अपने बचपन का ज्यादा समय अपने दादा और गुरु, त्रिभोवनदास दादा और दादी अमृत मां के साथ बिताया है। जबकि उनकी दादी घंटों तक उन्हें लोककथाएं सुनाती थीं, उनके दादाजी उनके साथ राम चरित मानस के बारे में अपना ज्ञान साझा करते थे। बारह वर्ष की आयु तक, बापू ने संपूर्ण राम चरित मानस को याद कर लिया था और चौदह वर्ष की आयु में राम कथा का पाठ और गायन शुरू कर दिया था।

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