ED की रेड में लालू यादव की बेटियों और रिश्तेदारों के घर से जाने क्या-क्या मिला
नई दिल्ली
लालू प्रसाद यादव के परिवार से जुड़े 'नौकरी के बदले जमीन घोटाले' की देशभर में चर्चा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की तीन बेटियों और कई RJD नेताओं के परिसरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है। दिल्ली में भी एक घर में तलाशी ली गई, उस समय लालू के बेटे और बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। यह घर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलेनी में है। ईडी का कहना है कि यह एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकृत पता है, जो केस में शामिल है। ED का दावा है कि यादव परिवार इसे इस्तेमाल कर रहा है। बीती रात गाजियाबाद में लालू के एक रिश्तेदार के घर भी ईडी ने रेड की। यह कथित घोटाला उस समय का है जब लालू यादव UPA-1 सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे। आइए जानते हैं कि छापों के दौरान क्या-क्या जब्त किया गया है।
ये सामान जब्त
53 लाख रुपये नकद
1900 अमेरिकी डॉलर
540 ग्राम सोना
1.5 किलो सोने के जेवर
कुछ दस्तावेज
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
कहां-कहां छापेमारी
ईडी की छापेमारी पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-NCR, रांची और मुंबई में लालू प्रसाद की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव के घर के अलावा RJD के पूर्व विधायक अबू दोजाना, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना और प्रवीण जैन के ठिकानों पर की गई।
जमीन के बदले नौकरी का मामला क्या है
आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान रेलवे के कई जोन में समूह-डी में कई लोगों को नौकरी दी गई थी। इसके बदले उन्होंने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के घर के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर की थी। अधिकारियों का कहना है कि रागिनी यादव और चंदा यादव एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड में पूर्व निदेशक थीं, जिसे कथित तौर पर एक शख्स से भूखंड मिला था।
केंद्र पर बरसा विपक्ष
लालू प्रसाद यादव के रिश्तेदारों औऱ परिजनों के यहां हुई छापेमारी की विपक्ष ने एक स्वर में आलोचना की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'पिछले 14 घंटे से मोदी जी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर ED बैठा रखी है.उनकी गर्भवती पत्नी और बहनें को सताया जा रहा है. लालू प्रसाद यादव जी बुजुर्ग हैं, बीमार हैं, तब भी मोदी सरकार ने उनके प्रति मानवता नहीं दिखाई. अब पानी सिर के ऊपर से चला गया है.मोदी सरकार, विपक्षी नेताओं पर ED-CBI का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या का कुत्सित प्रयास कर रही है.'
शिवसेना नेता, प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा, 'अडानी समूह और कर्नाटक के भाजपा विधायक के यहां नकदी बरामदगी पर ईडी चुप है लेकिन जब विपक्ष की बात आती है तो वह अति उत्साही हो जाती है. चाहे दिल्ली हो या बिहार, या तेलंगाना हो या फिर पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र. इसे इतिहास में स्वतंत्र एजेंसियों के सबसे काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा- जब उन्हें झुकने के लिए कहा गया तो वे रेंगने लगे.'
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?
लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. ये घोटाला उस वक्त का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था.
लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में हाल ही में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के परिवार को समन जारी किया है. इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को 15 मार्च को अदालत में पेश होना है.