धार्मिक

गर्भवती महिलाओ को नवरात्रि में व्रत करने के ये नियम, जान लें

चैत्र नवरात्रि में वैसे तो गर्भवती महिलाओं को लंबे समय तक व्रत रखने की मनाही होती है लेकिन अगर आप नवरात्रि व्रत रखना चाहती हैं तो इन नियमों का पालन जरुर करें.

प्रेग्नेंसी के समय उपवास नहीं करना ही बेहतर है, तीसरी तिमाही के समय तो व्रत रखना असुरक्षित है. लेकिन अगर आप स्वस्थ हैं और प्रेग्नेंसी से संबंधित कोई परेशानियां नहीं हैं तो उपवास कर सकते हैं लेकिन अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसपर विचार करें.

नवरात्रि के व्रत वैसे तो 9 दिन तक किए जाते हैं लेकिन गर्भवती महिलाएं पहले या आखिरी दिन, या फिर अष्टमी या नवमी के दिन भी व्रत रख सकती हैं. व्रत में खान-पान का विशेष ध्यान रखें, जिससे बच्चे और मां दोनों को तकलीफ न हो.

गर्भवती महिलाएं नवरात्रि में फलाहार व्रत रखें. निर्जला व्रत भूलकर भी न रखें, क्योंकि इससे शिशु और मां दोनों को पानी की कमी हो सकती है जिससे बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

प्रेग्नेंट महिलाएं नवरात्रि व्रत के दौरान दूध, दही और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट का सेवन थोड़ी-थोड़ी देर में करते रहें लेकिन उन डेरी प्रोडक्ट को खाने से बचें जिसमें हाई शूगर हो. शिशु पोषण के लिए पूरी तरह से आप पर निर्भर है इसलिए इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बरतना खतरनाक साबित हो सकता है.

मौसमी फल, मखाने की खीर, सब्जियों को अपनी व्रत वाली डाइट में जरुर शामिल करें. बीच-बीच में पानी पीते रहें. गर्भवती महिलाएं व्रत के दौरान कुट्‌टू के आटे की रोटियां, आलू, लौकी, टमाटर का सेवन कर सकती है.

 

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