दक्षिण पश्चिम में भगवानदास सबनानी की जीत के शिल्पकार बने किशन सूर्यवंशी
किशन सूर्यवंशी की संगठक क्षमता को भांपते हुए भाजपा नेतृत्व ने जिताने की सौंपी जिम्मेदारी
भोपाल। राजधानी भोपाल की प्रतिष्ठित सीट दक्षिण पश्चिम में भगवानदास सबनानी को जहां भाजपा के टिकट की घोषणा के साथ ही राजनैतिक हल्के में सबसे कमजोर प्रत्याशी की उपाधि दी जा रही थी। लेकिन इस सीट पर राजनैतिक रणनीति के तहत सारी कमान नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी को दी गई। जिसका उन्होंने बखुदी पालन करते हुए जीत की मिशाल बना दी। किशन सूर्यवंशी की संगठक क्षमता को भांपते हुए भाजपा नेतृत्व ने जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
कुशल संगठक के धनी हैं किशन सूर्यवंशी
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नियमित स्वयंसेवक के साथ पार्टी के लिए संगठन के लिए कार्यकर्ताओं को जोडऩे की रणनीति में भी माहिर हैं। चाहें राजनैतिक हलकों की बात कहें या फिर संघ कार्य के लिए किसी भी दायित्व का निर्वाहन करना हो उसके लिए भी किशन सूर्यवंशी का नाम लिया जाता है।
राजनैतिक विश्लेषक एवं शुभचिंतक भी उन्हें उनके दायित्व चाहें नगर निगम में सभापति का दायित्व हों या नगर निगम क्षेत्रों में किसी भी योजना का क्रियांवयन करना हो या किशन सूर्यवंशी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।
पीसी शर्मा कांग्रेस के रणनीतिकारों में थे एक्टिव
दक्षिण पश्चिम से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा रणनीतिकारों सहित, विधानसभा के मुखर वक्ता के रूप में एक्टिव रहे हैं। उनके द्वारा क्षेत्र की जनता के लिए कई धार्मिक आयोजन के साथ-साथ कई नगर निगम वार्डों में जीत के शिल्पकार रहे हैं। ज्यादातर कांग्रेस के पार्षद दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में ही हैं। लेकिन उन क्षेत्रों में किशन सूर्यवंशी के एक्टिव रहने पर सभी सामाजिक, व्यापारी और क्षेत्र के मतदाताओं से सीधा संवाद करके भगवानदास सबनानी की जीत के शिल्पकार किशन सूर्यवंशी की तारीफ की जा रही है। कई राजनैतिक पंडितों का मानना है कि किशन सूर्यवंशी लोकसभा चुनाव में भी महती भूमिका अदा करेंगे और प्रदेश की 29 सीटों के लिए निर्णायक भूमिका अदा करेंगे, क्योंकि किशन सूर्यवंशी अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और उनका सामंजस्य सभी समाजों में है।