केजरीवाल ने दी ‘INDIA’ को नई टेंशन, 24 की एकता से पहले AAP का ‘टकराव’ वाला ऐलान
जयपुर
2024 लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस दोस्ती का हाथ मिला चुके हैं। लेकिन इससे पहले दोनों दलों के बीच टकराव भी देखने को मिलेगा। दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस से सत्ता छीन चुकी 'आप' ने अब राजस्थान विधानसभा चुनाव में अकेले सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान भी करने जा रही है। कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई वाले सूबे में तीसरी ताकत की एंट्री से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। 'आप' का सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए अधिक टेंशन की बात हो सकती है, क्योंकि दिल्ली, पंजाब, गोवा से लेकर गुजरात तक में यह दिख चुका है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस के वोटबैंक पर ही कब्जा किया है।
'आप' राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी 200 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 22 अगस्त को राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक ने दिल्ली में बैठक बुलाई है। इसमें उम्मीदवारों का चयन करके लिस्ट राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को सौंपी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि 25 अगस्त तक 'आप' की पहली लिस्ट जारी हो जाएगी। वहीं, राजस्थान के प्रभारी और दिल्ली में द्वारका सीट से विधायक विनय मिश्रा ने कहा, 'आम आदमी पार्टी ने पहले टिकट घोषित करने का ट्रेंड सेट किया है, उसकी की नकल बीजेपी ने की है। हम भी 22 को उम्मीदवारों का चयन करने जा रहे हैं। 25-26 तक पहली लिस्ट जारी हो जाएगी।'
राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है और रिवाज बदलते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में जुटी है। मुफ्त बिजली, राशन किट, 500 रुपए में सिलेंडर जैसी योजनाओं के सहारे अशोक गहलोत अपना 'जादू' चलाने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं, भाजपा को उम्मीद है कि जनता राजस्थान के ट्रेंड को जारी रखते हुए सत्ता में परिवर्तन करेगी और उसे अगले 5 साल तक मौका मिलेगा। अब 'आप' की एंट्री के बाद चुनावी जंग और भी दिलचस्प हो गई है। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 'आप' सत्ता विरोधी वोटों का बंटवारा करती है तो कांग्रेस को लाभ हो सकता है। हालांकि, कुछ अन्य विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा का अपना वोट बैंक काफी हद तक उसके साथ स्थिर रहता है जबकि कांग्रेस और आप का वोटर बेस लगभग एक जैसा है। दिल्ली, पंजाब में तो आप ने कांग्रेस के पूरे वोटबैंक को अपनी तरफ शिफ्ट कर लिया। गोवा और गुजरात में भी उसने कांग्रेस के वोटर्स में ही सेंध लगाई। इसलिए राजस्थान में भी कांग्रेस की चिंता बढ़ सकती है।
दोस्ती के साथ टकराव
कांग्रेस और आप 26 दलों के 'इंडिया' गठबंधन में शामिल है। पटना और बेंगलुरु में हुई बैठक में दोनों दल एक मंच पर आ चुके हैं। हालांकि, मुंबई में होने जा रही तीसरी बैठक से पहले दोनों दलों के बीच टकराव भी देखने को मिल रहा है। दिल्ली, पंजाब, गुजरात और राजस्थान जैसे प्रदेशों में दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस और आप की दोस्ती के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं।