कल्पना सोरेन के चुनाव का एक हफ्ते में होगा निर्णय, हेमंत सोरेन के साथ अन्याय हुआ : चंपई सोरेन
रांची.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं। इधर लोकसभा चुनाव और विधानसभा उप चुनाव सिर पर हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के थिंक टैंक में लगातार मंथन चल रहा है। झारखंड के सीएम चंपई सोरेन का कहना है कि हेमंत के साथ अन्याय हुआ है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदरखाने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को लेकर लगातार बातचीतों का दौर चल रहा है। इस बात पर लगातार मंथन हो रहा है कि कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा से उम्मीदवार बनाया जाए या नहीं।
इसके जवाब में सीएम चंपई सोरेन का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर इसका फैसला हो जाएगा। अगर कल्पना सोरेन विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद जीत हासिल करती हैं, तो वह झारखंड की मुख्यमंत्री बनेंगी? इस सवाल के जवाब में चंपई सोरेन ने कहा कि यह फैसला पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन समेत पार्टी के नेता लेंगे।। बता दें कि राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ गांडेय विधानसभा में भी 20 मई को उपचुनाव होगा। गांडेय विधानसभा सीट झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि कल्पना इस सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।
कल्पना सोरेन ने भाजपा पर लगाया साजिश रचने का आरोप
4 मार्च को गिरिडीह जिले में झामुमो का 51वां स्थापना दिवस समारोह था। इस मौके पर कल्पना सोरेन ने अपने संबोधन में कहा था कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आते ही विरोधियों द्वारा साजिश रची जाने लगी थी। चंपई सोरेन ने दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा उन्हें जेल में डालने की साजिश रच सकती है और इसका जवाब झारखंड की जनता अपने वोट से देगी।
दुमका सीट से लड़ेंगे हेमंत सोरेन?
चंपई सोरेन ने इस बीच दुमका सीट का भी जिक्र किया। कहा जा रहा है कि जेल में रहकर हेमंत सोरेन इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा ने दुमका से सीता सोरेन को टिकट दी है। बता दें कि सीता सोरेन शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं और तीन बार झामुमो विधायक रह चुकी हैं। सीता सोरेन ने यह आरोप लगाकर पार्टी छोड़ दी थी कि 2009 में उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उन्हें और उनके परिवार को अलग-थलग कर दिया गया। मार्च महीने में सीता ने भाजपा का दामन थामा।
हेमंत सोरेन को क्यों हुई थी जेल?
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को प्रर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। फिलहाल उन्हें न्यायिक हिरासत में रख गया है। रांची की एक विशेष अदालत ने 22 फरवरी को सोरेन को विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, इससे पहले पांच फरवरी को हाई कोर्ट ने सोरेन को विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दी थी। सोरेन के खिलाफ धन शोधन के आरोप अवैध रूप से अचल संपत्ति रखने और भूमि माफिया से कथित संबंध रखने से जुड़े हैं।