कालीचरण महाराज ने यूपी में सीएम योगी के नेमप्लेट के आदेश का समर्थन
रतलाम
कालीचरण महाराज ने कहा कि 'मुसलमान का ट्रेंड है कि वे बिना थूके कुछ बेचते ही नहीं हैं। इसे थूक जिहाद बोला जाता है। मुसलमानों की परंपरा है कि वे बिना थूके कुछ खिलाते-पिलाते नहीं हैं।'उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश का समर्थन किया। कहा, 'कोरोना काल में लाखों ऐसे वीडियो सामने आए, जिससे साबित होता है कि मुसलमानों द्वारा बिना थूक लगाए कुछ भी बेचा जाना संभव नहीं है। इसीलिए मुसलमानों की दुकानों पर नाम लिखना बहुत जरूरी है।'
बता दें कि गुरुवार को कालीचरण महाराज रतलाम आए। यहां गो माता और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए श्री रुद्र महाकाल सेवा समिति ने 108 महादेव मंदिर पूजन संकल्प यात्रा कराई। इसके पूर्ण होने पर 108 पार्थिव शिवलिंगों के रुद्राभिषेक के साथ पूर्णाहूति कार्यक्रम हुआ। कालीचरण महाराज इसी में शामिल होने आए।
सीएम आदित्यनाथ की पहल प्रधानमंत्री को करना चाहिए थी
कालीचरण महाराज ने कहा, 'यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने जो पहल की, वो पूरे भारतवर्ष के धर्म निष्ठों और राजाओं को करना थी। राजा यानी- सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को यह पहल करना थी। इन लोगों को आदेश निकालना था, जिससे हिंदुओं की धर्म – आस्था सुरक्षित रहे।'
हिंदू, मुस्लिम दुकानों से कुछ खरीद कर न खाएं: कालीचरण
कालीचरण महाराज ने कहा, 'हिंदू, मुस्लिम दुकानों से कुछ खरीद कर न खाएं। जहां नेमप्लेट दुकानों पर नहीं दिखते हैं, तो क्यूआर कोड को स्केन करें। इसमें नाम आ जाएगा। यही धर्म बचाने का रास्ता है। लव जिहाद पर बोले, '80 प्रतिशत मामले तांत्रिक प्रयोग से होते हैं।'
सजा मंजूर है, चाहे मौत मिले या जेल
कालीचरण महाराज ने कहा, 'मुझ पर 40 से 50 केस हैं, लेकिन मुझे डर नहीं है। सच बोलने की सजा जेल है, तो मंजूर है। मृत्यू है, तो भी मंजूर है। संन्यासी वह क्या, जो सच न बोले। अन्य कोई बोले या न बोले, काली मां का बेटा जरूर बोलेगा। चाहे मौत मिले या जेल।'
पंडित प्रदीप मिश्रा की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने पंडित प्रदीप मिश्रा की तारीफ में कहा, 'उनके कारण आज बहुत बड़ी धर्म क्रांति हुई है। बच्चा-बच्चा लोटा लेकर भगवान शिव के अभिषेक के लिए जा रहा है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इतनी बड़ी धर्म क्रांति होती है कि बच्चा – बच्चा मंदिर जा रहा है। इससे भगवान भोलेनाथ, जगदंबा, गणपति बप्पा के प्रति आस्था और संस्कार पैदा होंगे। यह एक अच्छी धर्म क्रांति है।'