ग्वालियरमध्यप्रदेश

जया किशोरी ने किया UCC और हिन्दू राष्ट्र का किया समर्थन

ग्वालियर
देश की प्रसिद्ध कथा वाचक जया किशोरी 2 जुलाई को मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचीं. उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड-UCC) का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यूसीसी को कानून के दायरे में होना चाहिए. उन्होंने बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिन्दू राष्ट्र की मुहिम का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो सनातनी होने के नाते उन्हें खुशी होगी.

अपनी शादी पर जया किशोरी ने कहा कि जब होगी सबको बताकर करूंगी. वेब सीरिज, एडल्ट कंटेंट, आदिपुरुष फिल्म विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि जो आपको पंसद न हो वो न देखें. सही धार्मिक सन्दर्भ के लिए बच्चों को ग्रंथ पढ़ाइए. जया किशोरी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हुए कहा कि जो भी काम देश के हित में हो, अच्छा हो,  शांति से हो वो जरूर करना चाहिए. जो देश के लोगों को आगे बढ़ाने का काम जरूर करना चाहिए.

बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू राष्ट्र की मुहिम पर जया ने कहा कि मैंने उनको कभी सुना नहीं है. मैं अपनी कथा तक ही सीमित हूं. बाकी लोगों के साथ क्या होना चाहिए ये देश की सरकार तय कर रही है. जिसका काम ज्यादा अच्छा है, उसे वह सौंप देना चाहिए. मेरा काम कथा करना है, मैं उसे अच्छे से कर लूं वही बेहतर होगा.

जया किशोरी ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र बनता है तो मुझे बहुत खुशी होगी. सनातन धर्म आगे बढ़ेगा, सनातनी होने के नाते खुशी होगी. लेकिन, जो भी हो कानून के दायरे में हो तो अच्छा होगा. मैं हमेशा कहती हूं कि आप धर्म के साथ राज धर्म की सीख लेकर राजनीति करेंगे, तो ज्यादा अच्छा होगा. क्योंकि, राजनीति गलत नहीं है अगर कृष्ण जी जैसी की जाए तो. क्योंकि महाभारत में श्रीकृष्ण ने राजनीति ही की है. आप कृष्ण जैसी राजनीति करेंगे तो युद्ध जीत जाएंगे, दुर्योधन जैसी राजनीति करेंगे तो युद्ध हार जाएंगे.

 शादी के सवाल पर जया किशोरी ने कहा कि सबको बताकर करूंगी.  मेरा आधिकारिक चैनल है. जब तक मेरे चैनल पर मेरी शादी नहीं दिख रही, इसका मतलब नहीं हुई है. जब भी होगी तो आपको बताकर ही करूंगी. आदिपुरुष फिल्म और सनातन संस्कृति को लेकर जया ने कहा कि देखते हम भी सब कुछ हैं. लेकिन, हमने ग्रंथों से सीखा है क्या सही है क्या गलत है. आपसे निवेदन है कि अगर आप अपने बच्चों को कुछ सिखाना चाहते हैं तो ग्रंथों से शुरुआत करिए. क्योंकि ग्रंथों में ही अच्छी बात और सच्ची बात है. वह जानने के बाद फिर बच्चे समझ जाएंगे कि क्या अच्छा क्या बुरा है. इसके बाद सीरियल, मूवी हो  या वेब सीरीज, बच्चे सही कंटेंट देखना पसंद करेंगे. भ्रमित नहीं होंगे.

जया ने कहा कि अच्छा बुरा कंटेंट वाली बात महिला पुरुष दोनों पर लागू होती है.  सोशल मीडिया पर आप जो भी रील या कंटेंट बना रहे हैं. कैसा बनाना चाहिए यह आप खुद सोचिए और आप ये भी समझें कि आपको क्या देखना है क्या नहीं देखना है?. वेब सीरीज, सीरियल्स की कहानी में हर तरह का तड़का लगाया जाता है. हम किसी दूसरे को देखने या पसंद करने से रोक नहीं सकते. लेकिन हमें अगर कुछ पसंद नहीं है तो वह हम न देखें.

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