जगदलपुर.
बीते दिनों अपने दौरे के दौरान बस्तर कलेक्टर दरभा के अतिसंवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा गए थे, जहां गांव के एक युवक जुगल किशोर के हौसले को देखते हुए उसे नक्सल क्षेत्र ही नहीं जिले का रोल मॉडल बताया था, लेकिन दौरे से लौटने के बाद मंगलवार को बस्तर कलेक्टर को पता चला कि अब रोल मॉडल इस दुनिया मे नहीं है, बीमारी के चलते उसकी मौत मंगलवार की शाम को हो गई, घटना की जानकारी मिलने के बाद बुधवार को उसके अंतिम संस्कार में बस्तर कलेक्टर के आने की बात कही जा रही है।
मृतक जुगल किशोर के छोटे भाई बामन ने बताया कि शनिवार से उसका स्वास्थ अचानक से खराब हो गया था, इसके अलावा वह खाना भी नहीं खा रहा था, उसे पहले शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया भी गया था। जहां से उसे वापस घर लाया गया, लेकिन मंगलवार को स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के कारण उसे मेकाज लाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही गांव के साथ ही जिस आश्रम में उसे कम्प्यूटर शिक्षक बनाया गया था, वहां भी मातम छा गया है। बताया जा रहा कि 10 जनवरी को कलेक्टर विजय दयाराम के. ने जिले के संवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा के बीटेक पास जुगल किशोर को आश्रम शाला में कंप्यूटर शिक्षक की नौकरी दी थी, कलेक्टर ने कहा कि बहुत कम लोग है जो अतिसंवेदनशील क्षेत्र से निकलकर उच्च शिक्षा ग्रहण किए होते है। शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर बी-टेक तक की पढ़ाई करने वाले जुगल किशोर कोर्राम क्षेत्र के लिए रोल मॉडल हैं। जुगल किशोर कोर्राम बस्तर जिले के संवेदनशील क्षेत्र चांदामेटा का निवासी होने के साथ ही किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले जुगल ने प्रारंभिक शिक्षा कोलेंग से की।
इसके बाद जगदलपुर, फिर रायपुर प्रयास स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की। प्रयास के माध्यम में इंजीनियर बनने के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की और रायपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की। जुगल किशोर ने बस्तर कलेक्टर को बताया था कि आर्थिक जरूरतों के लिए टीचिंग का काम भी उसने किया। पढ़ाई के दौरान उसे स्वास्थ्यगत दिक्कत होने लगी थी, जांच करवाने पर दिल से संबंधित बीमारी का पता भी चला था, इस बीमारी की वजह से उसे आर्थिक हानि के साथ-साथ ज्यादा चलने में दिक्कत हो रही थी। जुगल के परिवार में माता पिता, एक भाई और 2 बहन हैं। माता पिता कृषि कार्य में संलग्न है भाई और बहन पढ़ाई कर रहे हैं।