कानून का पालन जरूरी – एसीएस डॉ. राजौरा
कानून का पालन जरूरी – एसीएस डॉ. राजौरा
संभागवार नियुक्त एडीजीपी की बैठकों की समीक्षा की : एसीएस डॉ. राजौरा
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार संभागीय स्तर पर कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिये नियुक्त अतिरिक्त महानिदेशक(एडीजीपी) द्वारा ली गई बैठकों की अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने आज मंत्रालय में समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा में कहा कि सभी को कानून का पालन करना जरूरी है। कानून का पालन सुनिश्चित कराने के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार नियमितरूप से संभागों में समीक्षा की जायें। बैठक में सभी एडीजीपी ने संभागीय स्तर पर की गई समीक्षा में संज्ञान में आई समस्याओं और सुझाव से अवगत कराया।
एसीएस डॉ. राजौरा ने बैठक में अपराधियों पर सख्ती से नकेल कसने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के लिये अन्य विभागों से संबद्ध मामलों के निराकरण के लिये नीतिगत मसलों को समन्वयपूर्वक सुलझाया जायेगा। नवनिर्मित जिलों में पुलिस बल की व्यवस्था, विभिन्न थानों के सीमा परिवर्तन के प्रकरणों, पुलिस बैंड के सशक्तिकरण के साथ ही पुलिस थानों में समय-समय पर गणमान्य नागरिकों के साथ मेल मिलाप के संबंध मे सुझाव एवं जानकारियां दी गई।
एसीएस डॉ. राजौरा ने सभी अधिकारियों को संभागीय बैठकों में प्राप्त फीडबैक के आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को सामान्य प्रशासन विभाग को आवश्यक कार्यवाही के लिये भेजी जायेगी। प्रयास होगा कि बेहतर कानून व्यवस्था के लिये उनसे प्राप्त सुझावों को शत् प्रतिशत लागू करें। बैठक में सभी संभागों के प्रभारी एडीजीपी आलोक रंजन, श्रीमती प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव, योगेश मुदगल, पवन श्रीवास्तव, अनिल कुमार, संजीव शामी, चंचल शेखर, जयदीप प्रसाद, योगेश देशमुख मौजूद थे।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-जू में अनुभूति शिविर
बच्चों को दिखाई गई वाघ फिल्म
भोपाल
वन विभाग द्वारा अनुभूति कार्यक्रम 2023-24 के अंतर्गत वन, वन्य-प्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड के समन्वय से आयोजित प्रशिक्षण-सह-जागरूकता शिविर के अंतर्गत वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आज 18 जनवरी को तृतीय शिविर आयोजित किया गया, जिसमें सेम कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक साइंस एंड हॉस्पिटल भोपाल के 120 विद्यार्थियों एवं 4 शिक्षक सहित कुल 124 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
शिविर में सम्मिलित हुए प्रत्येक बच्चे को अनुभूति बैग, कैप, पठनीय सामग्री, स्टीकर, पेन, ब्रोशर और बैच प्रदान किये गये। विद्यार्थियों को पक्षी-दर्शन, वन्य-प्राणी दर्शन, प्रकृति पथ भ्रमण एवं वन, वन्य-प्राणी एवं पर्यावरण से संबंधित रोचक गतिविधियों कराई गई तथा जानकारी प्रदान कर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया गया। नवाचार के रूप में रेस्क्यू गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें बगैर सिले कपडे से थैला बनाने की विधि सिखाई गई। इसके पश्चात प्रतिभागियों को छोटे समूहों में बांटकर पर्यावरण से संबंधित रोचक खेल जैसे फुड वेव, मैं कौन हूँ' अंतर्गत प्रतिभागियों द्वारा बाघ, सिंह, तेंदुआ आदि वन्य-प्राणियों के बारे में पहचान की गई एवं उसके बारे में बताया गया तथा बाघ के बारे में एक फिल्म भी दिखाई गई। स्पॉट क्विज में प्रथम मिथाली गांगिल, द्वितीय रूतुजा कापगेटे एवं तृतीय श्रुतिका बोरकर रहीं। विद्यार्थियों को वन्य-प्राणियों को कैसे रेस्क्यू किया जाता है, इसके सम्बंध में रेस्क्यू वाहन के माध्यम से रेस्क्यू टीम द्वारा अवगत कराया गया। शिविर के दौरान छात्र-छात्राओं को औषधीय पौधों संबंधी जानकारी म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रदाय किये गये सेम्पल के माध्यम से दी गई। कार्यक्रम के अंत में शिविर में सम्मिलित बच्चों को शपथ दिलाई जाकर पुरस्कार तथा प्रमाण-पत्र वितरण किये गये।
अनुभूति कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर के रूप में ए.के. खरे, सेवानिवृत उप वन संरक्षक उपस्थित रहे। कैम्प का संचालन सहायक संचालक वन विहार एस.के. सिन्हा द्वारा किया गया। इस दौरान श्रीमती पदमाप्रिया बालाकृष्णन, संचालक वन विहार, राहुल सिंह इकाई प्रभारी सफारी एवं विजय नंदवंशी बायोलॉजिस्ट तथा अन्य अधिकारी/कर्मचारी भी उपस्थित रहे।