दिल्ली में अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार और 30 पिस्टल बरामद
नई दिल्ली.
पुलिस की स्पेशल सेल ने अवैध हथियार सप्लाई करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपी मध्यप्रदेश से अवैध हथियार लाकर दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश में गैंगस्टरोंं को सप्लाई करते थे। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी सुभाष वरकड़े, अब्दुल कलाम और दीपक बरेला के कब्जे से मैगजीन के साथ 30 अर्ध-स्वचालित पिस्टल बरामद की हैं।
स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने बताया कि दिल्ली और आसपास के राज्यों में विभिन्न अपराध में अवैध हथियारों के इस्तेमाल के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए स्पेशल सेल ने दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियार आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया हुआ है। लगातार निगरानी से पता चला कि यूपी के कुछ असलहा आपूर्तिकर्ता मध्य प्रदेश के अवैध असलहा आपूर्तिकर्ताओं के संपर्क में हैं और उनसे अवैध असलहा खरीदते हैं। पहले ऑपरेशन में इंस्पेक्टर की टीम विवेकानन्द पाठक एवं इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने तकनीकी और मैन्युअल निगरानी के जरिये हथियार तस्करों की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद मिले विशिष्ट इनपुट के बाद निरंकारी ग्राउंड, आउटर रिंग रोड के पास घेराबंदी कर मध्य प्रदेश के बैतूल के निवासी सुभाष वरकड़े को पकड़ लिया। आरोपी सुभाष के बैग से .32 बोर की कुल 10 अवैध सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल बरामद की गईं। एक अन्य ऑपरेशन में अवैध हथियार तस्कर मेरठ के अब्दुल कलाम को मिलेनियम पार्क, सराय काले खां से 26 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी एक बैग ले जा रहा था और जांच करने पर बिस्तर की चादर में लपेटकर वोल्टेज स्टेबलाइजर में छिपाई गई 15 अर्ध-स्वचालित पिस्टल बरामद की गईं। इसके बाद आरोपी अब्दुल कलाम की निशानदेही पर अवैध हथियारों की आपूर्ति के स्रोत बुरहानपुर, मध्य प्रदेश के दीपक बारेला को 28 नवंबर को धार, एमपी से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 5 अर्ध-स्वचालित पिस्टल बरामद की गईं।
पांच वर्ष से हथियार सप्लाई कर रहा था
आरोपी सुभाष ने खुलासा किया कि वह पांच साल से अवैध हथियारों के गोरखधंधे में लगा हुआ है। वह बैतूल, एमपी निवासी राजेश के कहने पर एमपी, यूपी और दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न व्यक्तियों को अवैध हथियारों की सप्लाई करता था। वह एमपी से एक हथियार 8,000 से 10,000 में लेता था और उसे आगे प्रति पिस्तौल 15,000 से 20,000 रुपये में बेचता था।
फोन साथ न ले जाने की हिदायत दी थी
आरोपी अब्दुल कलाम ने खुलासा किया कि वह मेरठ निवासी सलाउद्दीन के निर्देश पर हथियार खरीदता था। इस बार भी सलाउद्दीन के निर्देश पर बुरहानपुर, एमपी गया था और दीपक नामक व्यक्ति से अवैध हथियार खरीदे थे। सलाउद्दीन ने यह भी हिदायत दी कि वह एमपी जाते समय अपना मोबाइल साथ न ले जाए। खेप लेने के बाद वह ट्रेन या बस से यात्रा करता था। उसने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए हथियार छिपाने के लिए वोल्टेज स्टेबलाइजर में एक खास जगह बनाई हुई थी।
खराब वित्तीय स्थिति के कारण लालच में आया
अब्दुल कलाम ने बताया कि खराब वित्तीय स्थिति के कारण वह सलाउद्दीन के संपर्क में आया, जिसने उसे अवैध हथियारों की आपूर्ति के गोरखधंधे में शामिल होने का लालच दिया। वह सलाउद्दीन के निर्देश पर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर निवासी दीपक से हथियार खरीदता था। उसके पिता अब्दुल सलाम भी अवैध हथियारों के धंधे में शामिल थे। स्पेशल सेल ने उसे वर्ष 2020 में गिरफ्तार किया था।