अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: अर्थव्यवस्था की भी ताकत बन रहा योग, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और ऑस्ट्रेलिया में तेजी से बढ़ रहा दायरा
नई दिल्ली
आज अंतर्राष्ट्रीय योग (International Yoga Day 2023) दिवस है। इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम योगा फॉर वसुधैव कुटुंबकम है। 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। 9 साल में ही योग दिवस ग्लोबल हो गया है। अब यह सिर्फ लोगों को फिट रहने, बीमारी से मुक्त रहने में मदद ही नहीं कर रहा बल्कि अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे रहा है। योग स्टूडियो से लेकर योग के सामान या योग शिक्षकों की मांग हाल के दिनों में बढ़ी है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में 130 अरब डॉलर की भागीदारी
योग उद्योग दुनिया भर में 88 अरब डॉलर से अधिक है। और 2025 तक इसके 215 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। मार्केट रिसर्च के अनुसार अगर रिट्रीट, कपड़े, मैट, ब्लॉक और अन्य सामान इत्यादि को जोड़ दें तो वर्तमान में योग का दुनियाभर में बाजार 130 अरब डॉलर से अधिक का है। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, आस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में योग काफी लोकप्रिय हो रहा है। साथ ही यह एक कारोबार के तौर पर भी मजबूत हो रहा है।
भारत में 490 अरब रुपए से अधिक का बाजार
योग का बाजार भारत में 490 अरब रुपए से अधिक का है। वेलनेस सेवाएं जिसके तहत योग स्टूडियो या फिटनेस स्टूडियो इत्यादि आते हैं, इस बाजार का 40% हिस्सा है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट एंड इकोनोमिक्स में प्रकाशित एक शोध के अनुसार भारतीय वेलनेस उद्योग के 875 अरब रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। 2015 से 2019 तक अकेले भारतीय आयुष मंत्रालय ने योगा दिवस कार्यक्रमों पर 137 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
प्रमुख देशों में योग उद्योग का बाजार
अमेरिका: 12 अरब डॉलर, सालाना 9.8% की दर से बढ़ रहा। यहां 1.22 लाख लोगों को योगा से रोजगार मिला हुआ है।
ब्रिटेन: 1.15 अरब डॉलर, 2.2 %की गति से बढ़ रहा
चीन: 6.6 अरब डॉलर,
ऑस्ट्रेलिया – 62.1 करोड़ डॉलर, हर साल 2.2% बढ़ रहा