रावण-कुंभकर्ण पर महंगाई हावी, 65-70 की जगह 51-30 फीट के पुतले बन रहे
भोपाल
इस बार तीज त्योहारों पर महंगाई हावी है। ऐसे में दशहरा पर्व पर बुराई के प्रतीक दहन होने वाले रावण के पुतलों पर भी महंगाई हावी हो गई है। इसे देखते हुए इस बार रावण का कद छोटा कर दिया है। पिछले सालों में अनेक स्थानों पर 65 से 70 फीट तक के रावण के पुतले भी तैयार होते थे, लेकिन इस बार कारीगर अधिकतम 51 और 30 फीट तक के पुतले ही तैयार कर रहे हैं।
कारीगरों का कहना है कि इस बार निर्माण सामग्री में काफी बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में पुतलों के दाम भी बढ़े हुए हैं, ऐसे में कई समिति वाले पुतलों की ऊंचाई कम करवा रहे हैं। दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस मौके पर शहर के दशहरा मैदानों के साथ चौक-चौराहों, रहवासी कॉलोनियों के मैदानों में रावण, मेघनांद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। इसके लिए शहर में जगह-जगह पुतलों के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। शहर के भेल, टीटी नगर दशहरा मैदान के पास, बांसखेड़ी अरेरा कॉलोनी, नीलबड़ सहित अन्य स्थानों पर पुतलों का निर्माण किया जा रहा है। शहर में भोपाल के अलावा सीहोर, रायसेन, विदिशा सहित अन्य स्थानों के लिए भी पुतले पहुंचते हैं।
बरेली और उदयपुरा से भी मिले हैं आर्डर
बांसखेड़ी अरेरा कॉलोनी में रावण के पुतले बनाने वाले कारीगर डीएल वर्मा का कहना है कि पिछले सालों की तुलना में इस बार पुतलों की लागत काफी अधिक बढ़ गई है। जो देशी बांस 40 से 50 रुपए में मिलता था वह अब 100 रु पए तक पहुंच गया है, इसी प्रकार अन्य सामग्री भी महंगी हो गई है। इसलिए इस बार अधिकतम 30 फीट तक के पुतलों के आर्डर ही मिले हैं। हमारे पास बाड़ी बरेली, उदयपुरा के भी कुछ आॅर्डर आए हैं।
इस बार वाटरप्रूफ पुतलों के आॅर्डर नहीं मिले
टीटी नगर में रावण के पुतले बनाने वाले सुरेश साहू ने बताया कि इस बार निर्माण सामग्री के दाम काफी अधिक हो गए हैं। बांस, घास, सुतली से लेकर रंगीन कागज तक सभी सामग्री महंगी हो गई है। ऐसे में पुतलों की लागत, मजदूरी में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में इसके दामों में इजाफा किया है। हमारे पास अभी 51 और 21 फीट के पुतलों के आॅर्डर आए हैं, जिसकी कीमत 40 हजार और छोटे पुतलों की कीमत 20 हजार रु पए तक रखी है। इस बार अभी तक वॉटरप्रूफ पुतलों के आॅर्डर नहीं आए हैं।