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‘भारत के चीन-पाक के साथ बिगड़ेंगे संबंध, मोदी की सेना देगी करारा जवाब’-US खुफिया विभाग की रिपोर्ट

 नईदिल्ली

भारत के पाकिस्तान और चीन के साथ बिगड़े रिश्ते जगजाहिर हैं। इसके और बिगड़ने की संभावना जताई गई है। अमेरिकी खुफिया विभाग ने बुधवार को अपने सांसदों को इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में भारत के पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव बढ़ सकते हैं। साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पाकिस्तानी उकसावों को भारतीय सेना पहले से अधिक आक्रामक तरीके से जवाब दे सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर गतिरोध के बाद वार्ता भी जारी है। वहीं, दो परमाणु शक्ति वाले देश भारत और पाकिस्तान के बीच पनपे संकट चिंता बढ़ाने वाले हैं। हालांकि, 2021 की शुरुआत में नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के बीच फिर से संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी। हालांकि, पाकिस्तान पर इसका असर नहीं हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सेना पाकिस्तानी उकसावों का पहले से अधिक आक्रामक तरीके से जवाब दे सकती है।'' रिपोर्ट में कश्मीर में हिंसा बढ़ने या भारत के किसी हिस्से में एक बड़ा आतंकवादी हमला की संभावना जताई गई है।

एक सवाल के जवाब में विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, "क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरों का मुकाबला करने में हमारा साझा हित है। आतंकवाद से मुक्त एक स्थिर और सुरक्षित एशिया का लक्ष्य काफी हद तक पाकिस्तान के साथ हमारी साझेदारी की ताकत पर निर्भर करता है। सभी आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए हम एक साथ कदम उठा सकते हैं"

प्राइस ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी साझेदारी का विस्तार करना चाहता है। कोई भी समूह जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा है, निश्चित रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है।"

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, भारत विरोधी उग्रवादी समूहों को समर्थन देने का पाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तानी उकसावों का सैन्य बल के साथ जवाब देने की संभावना पहले से अधिक है. दोनों पक्षों के बीच बढ़ते तनाव और कश्मीर में अशांति या भारत में एक और आतंकवादी हमला होने की सूरत में लड़ाई की अत्याधिक संभावना है.

भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण रिश्ते

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय सीमा वार्ता हुई और कई सीमा बिंदुओं पर तनाव को सुलझाया गया. लेकिन 2020 में हुई हिंसक झड़प के चलते दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहेंगे. दोनों देशों द्वारा विवादित स्थल पर सेनाओं की तैनाती बार्डर विवाद को लेकर दो परमाणु शक्तियों में सशस्त्र जोखिम को बढ़ाती हैं. पिछले गतिरोधों से पता चलता है कि LAC पर लगातार छोटे टकराव के तेजी से बड़ा रूप लेने की क्षमता है.

गलवान में हुई थी हिंसक झड़प

भारत और चीनी सेना के बीच गलवान में जून 2020 को हिंसक झड़प हुई थी. इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन को भी भारी नुकसान हुआ था. लेकिन चीन पर आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगता रहा है. इसके बाद दोनों देशों ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को अपनी अपनी सीमा मे तैनात किया था. हालांकि, इसके बाद भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हुई और कई विवादित क्षेत्रों से दोनों देशों ने अपनी सेनाएं वापस ले ली थीं.

 

 

 

 

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