राजनीति

संसद के मानसून सत्र में INDIA की पहली अग्निपरीक्षा, क्या AAP की उम्मीदें पूरी कर सकेगा गठबंधन; बुलाई गई बैठक

नई दिल्ली
केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस की अगुवाई में 26 विपक्षी दलों ने INDIA (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) नामक एक मेगा गठबंधन बनाया है। उस गठबंधन की पहली अग्निपरीक्षा आज (20 जुलाई) से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में होनी है। इसी के मद्देनजर मानसून सत्र में रणनीति पर चर्चा करने के लिए INDIA के घटक दलों की गुरुवार सुबह बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, "मानसून सत्र के पहले दिन से संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों और रणनीति पर चर्चा करने के लिए INDIA के घटक दलों के संसदीय दलों के नेता सुबह 10 बजे राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में बैठक करेंगे।" उन्होंने बताया कि 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चलने वाला यह सत्र सहयोगी दलों को एकजुट होकर कार्य योजना बनाने, प्रदर्शन करने और साथी दलों के प्रमुख मुद्दों के बीच संतुलन बनाने का अवसर प्रदान करेगा।

कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने कहा, “यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। आगे हम पार्टियों के बीच अधिक समन्वय देखेंगे। भारत के सभी शीर्ष नेता एक महीने से भी कम समय में दो बार मिल चुके हैं, पहले पटना में और फिर बेंगलुरु में। अब हमारे पास अपने गठबंधन का नाम है और एक कार्ययोजना है। इसलिए, दोनों सदनों में अधिक समन्वय और अधिक आक्रामकता देखने को मिलेगी।” टैगोर ने बताया कि INDIA के सहयोगी दलों ने संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए पहले ही कई मुद्दों की पहचान कर ली है। इनमें मणिपुर की स्थिति, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, संघवाद, दिल्ली की नौकरशाही पर विवादास्पद अध्यादेश और जांच एजेंसियों का कथित दुरुपयोग के मुद्दे शामिल हैं।

बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर की स्थिति पर या तो जवाब दें या बयान जारी करें। नए गठबंधन ने ये भी जाहिर कर दिया है कि दिल्ली पर लाया गया अध्यादेश रद्द किया जाए। ऐसे में गुरुवार को होने वाली बैठक में फ्लोर कोऑर्डिनेशन पर फोकस रहने की उम्मीद है। INDIA के घटक दलों को अभियान और फ्लोर रणनीति पर सामूहिक रूप से निर्णय लेना होगा।

टैगोर ने कहा कि पहले के मुकाबले हमारी आवाज और अब बुलंद होगी क्योंकि  एमएमके और अपना दल (कमेरावादी) को छोड़कर,गठबंधन की 26 में से 24 पार्टियों के प्रतिनिधि संसद में मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा, "संसद के अंदर और बाहर सभी दलों के बीच समन्वय बेहतर होगा क्योंकि यह गठबंधन वास्तव में पिछले 2.5 वर्षों में विभिन्न विपक्षी दलों के बीच जमीनी समन्वय के माध्यम से बना है।" दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को भी विपक्षी एकता से काफी उम्मीदें हैं। उसे उम्मीद है कि एकजुट विपक्ष दिल्ली अध्यादेश को वापस करवा सकता है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button