झारखंड में बढ़ा ‘I. N. D. I. A. ‘ का संकट, कांग्रेस चाहती है बड़े भाई की भूमिका
रांची
2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सभी दल सीटों को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दल भी इससे पीछे नहीं हैं। कोई 9 तो कोई 4 सीट पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहा है। वहीं, गठबंधन में बड़े भाई की जिम्मेदारी उठाने के लिए आपस में खींचतान होती दिख रही है। दावे और खींचतान के बीच विपक्षी दलों ने आपस में समझौता नहीं किया तो झारखंड में उनके गठबंधन इंडिया पर भी संकट के बादल दिखने लगेंगे।
कांग्रेस का 9 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव
कांग्रेस की दिल्ली में हुई बैठक में झारखंड की 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात हुई। 2019 में कांग्रेस ने सात सीटों पर प्रत्याशी खड़ा किया था, जबकि झामुमो ने चार, झाविमो ने दो और राजद ने एक सीट पर प्रत्याशी उतारा था। वहीं, चतरा में कांग्रेस-राजद के बीच फ्रेंडली फाइट हुई थी। कांग्रेस 2019 में लड़ी सात सीटों के साथ-साथ जेवीएम को दिये दो सीट पर 2024 में प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने दावा किया है कि तैयारी 14 सीटों पर की जा रही है, लेकिन नौ सीटों पर उनकी दावेदारी बनती है। कांग्रेस के कदम के बाद झामुमो-राजद समेत वाम दलों की दावेदारी पर प्रश्नचिह्न खड़ा गया है। अगर कांग्रेस नौ सीटों पर चुनाव लड़ती है तो गठबंधन के बचे घटक दलों को पांच सीटों में ही बंटवारा कर करना होगा।
कांग्रेस झारखंड में चाहती है बड़े भाई की भूमिका
कांग्रेस लोकसभा चुनाव में खुद को झारखंड में बड़े भाई की भूमिका में रखना चाहती है। वहीं, झामुमो की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में स्पष्ट किया गया था कि झामुमो राज्य की बड़ी पार्टी है तो लोकसभा चुनाव में बड़े भाई की जिम्मेदारी भी वही उठाएगा। झारखंड में वर्तमान में झामुमो के 29 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 16 और राजद का एक विधायक है। विधानसभा चुनाव परिणाम के आधार पर झामुमो सीटों के बंटवारे के पक्ष में है।
राजनीतिक दलों का सीट बंटवारे पर क्या है राय
सीपीआई के भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि 14 में से नौ सीट पर अगर एक पार्टी चुनाव लड़ेगी तो ऐसे में इंडिया गठबंधन कैसे मूर्त रूप लेगा। हजारीबाग सीट सीपीआई को मिलनी चाहिए। आपसी सहमति से सीटों का बंटवारा हो, ताकि भाजपा को शिकस्त दे सकें।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि सभी को दावा करने की अपनी-अपनी आजादी है। दलों के वरिष्ठ नेताओं की बात होगी तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जमीनी ताकत की मजबूती के आधार पर चुनाव लड़ेंगे। हमें चुनाव जीतने के लिए लड़ना है, न कि सिर्फ सीटों से प्रत्याशी खड़ा करने के लिए।
आरजेडी के झारखंड महासचिव सह प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। सभी दलों के आलाकमान इसे तय करेंगे। राजद 2019 में पलामू और चतरा से चुनाव लड़ा था। 2024 में इन दोनों सीटों के अलावा कोडरमा व गोड्डा पर भी तैयारी पूरी है। सत्ता से भाजपा को हटाना है तो सभी दलों को त्याग करना होगा।
वहीं कांग्रेस महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि 9 ही नहीं, सभी 14 सीटों पर चुनाव की तैयारी की जा रही है। जब हम गठबंधन में साझेदारी की बात करते हैं तो हिस्सेदारी में पेच नहीं होता है। समय आएगा तो सभी दलों के वरिष्ठ नेता मिल-बैठ कर सीटों का बंटवारा कर लेंगे।