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अलर्ट हुई भारत सरकार, चीन में तेजी से फैल रही रहस्यमय बीमारी, करीब से रख रही नजर

नई दिल्ली
कोरोना महामारी के बाद चीन से सामने आने वाली कोई भी बीमारी पर दुनियाभर की नजरें टिक जाती हैं। इस समय चीन में एक रहस्यमय बीमारी ने सभी को परेशानी में ला दिया है। सांस से संबंधित इस निमोनिया बीमारी से बड़ी संख्या में बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। भारत सरकार भी इस बीमारी पर करीब से नजर बनाए हुए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत चीन में बच्चों में निमोनिया के रिपोर्ट किए गए मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अब तक के आकलन के अनुसार भारत के लिए जोखिम कम है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''भारत मौजूदा स्थिति से उत्पन्न होने वाली किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में बच्चों में H9N2 के प्रकोप और सांस संबंधी बीमारी के समूहों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। चीन से रिपोर्ट किए गए एवियन इन्फ्लूएंजा मामले के साथ-साथ श्वसन संबंधी बीमारी के समूहों से भारत को कम जोखिम है।'' उन्होंने आगे कहा, ''वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर, पिछले कुछ हफ्तों में चीन में सांस से संबंधित रोगों की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बच्चों में सांस से संबंधी बीमारी के सामान्य कारणों का पता लगाया गया है।''

मामले से परिचित लोगों के अनुसार, हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की तकनीकी शाखा, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें देश में एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों के खिलाफ तैयारी के उपायों पर चर्चा की गई थी। अक्टूबर 2023 में चीन में H9N2 (एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) का मामला सामने आया था, जिसकी सूचना WHO को दी गई थी।स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तरी चीन में बच्चों में सांस की बीमारी के प्रकोप की मीडिया रिपोर्टों पर भी ध्यान दिया। इसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने भी एक बयान जारी किया है।

WHO ने भी मांगी चीन से डिटेल्ड रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि उसने बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों और निमोनिया के मामलों में संभावित चिंताजनक वृद्धि के बारे में जानकारी देने के लिए चीन से आधिकारिक अनुरोध किया है। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि ये मामले श्वसन संक्रमण के मामलों में वृद्धि से जुड़े हैं या नहीं। वैज्ञानिकों ने कहा कि स्थिति पर कड़ी निगरानी की जरूरत है, लेकिन वे इस बात से सहमत नहीं थे कि चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में हाल में वृद्धि एक नए वैश्विक प्रकोप की शुरुआत का संकेत है। सार्स और कोविड-19 दोनों सबसे पहले असामान्य प्रकार के निमोनिया के रूप में सामने आये थे। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अधिकारियों ने 13 नवंबर को श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि की सूचना दी थी। उसने कहा कि आयोग के अधिकारियों ने कहा था कि श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि कोविड-19 लॉकडाउन से संबंधित पाबंदियां हटाई गई है। जब महामारी प्रतिबंध समाप्त हुए तो अन्य देशों में भी श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे 'रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस' या आरएसवी के मामलों में वृद्धि देखी गई थी।

 

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