देश

भारतीय बिजनेसमैन ने प्रधानमंत्री बनाने के लिए दिल्ली में बात की.. भारत से रिश्ता कबूलकर फंसे नेपाली

नेपाल
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड की एक टिप्पणी के बाद नेपाल की राजनीति में तूफान उठ गया है। पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड, जो इस वक्त भारत के काफी करीबी माने जा रहे हैं, उन्होंने कहा है, कि नेपाल में रहने वाले एक भारतीय कारोबारी ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए दिल्ली में बात की थी। नेपाली प्रधानमंत्री के इस दावे के बाद बवाल शुरू हो गया है। पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने कहा है, कि नेपाल में बसे एक भारतीय व्यवसायी ने उन्हें प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त करने के लिए, दिल्ली में एक बात की थी। उनके इस बयान के बाद नेपाल में विवाद पैदा हो गया है और एकजुट विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग की है।

अब US में खालिस्तानियों का 'उपद्रव' इतने उग्र क्यों हो रहे खालिस्तानी समर्थक नेपाल की विपक्षी पार्टियों ने संसद के दोनों सदनों, राष्ट्रीय सभा और प्रतिनिधि सभा में जमकर हंगामा किया है, जिसके बाद बुधवार को संसद के दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया। विपक्षी दलों का कहना है, कि प्रधानमंत्री प्रचंड की टिप्पणियों ने देश की गरिमा को कम किया है। प्रतिनिधि सभा में, मुख्य विपक्षी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के सदस्य सदन में खड़े हो गये और जमकर नारेबाजी की, जबकि राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सदस्य, नारे लगाते हुए सदन के वेल में आ गए। विपक्षी सांसद नारे लगा रहे थे, कि "नई दिल्ली द्वारा नियुक्त प्रधानमंत्री को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।"

 नेपाल के प्रधानमंत्री ने क्या कहा था?
 नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) की छात्र शाखा के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री प्रचड ने आरोपों को खारिज करने की कोशिश की और कहा, कि "अतीत की तरह, वे (विपक्ष) मेरे मुंह में शब्द डालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा काम नहीं होगा।" हालांकि, सोशल मीडिया पर नेपाली प्रधानमंत्री का एक बयान काफी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें ये कहते हुए सुना जा रहा है, कि "छह दशकों से ज्यादा समय पहले नेपाल में बसने वाले और एक निजी परिवहन व्यवसाय, सरदार प्रीतम सिंह ने उनकी मदद की थी।" नेपाली प्रधानमंत्री सरदार प्रीतम सिंह के 90वें जन्मदिन के अवसर पर उन्हें सम्मानित करते हुए ये भाषण दे रहे थे।" उन्होंने कहा, कि "वह (सरदार प्रीतम सिंह) बहुत दयालु और मददगार रहे, जब मेरी बेटी ज्ञानू का कैंसर का इलाज चल रहा था, उन्होंने मेरी काफी मदद की। वह राजनीति में भी बहुत रुचि रखते हैं, और एक बार वह मुझे प्रधानमंत्री बनाने के लिए कहने के लिए दिल्ली भी गए थे।"

 उनके इस बयान के बाद सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड को प्रधानमंत्री से पद छोड़ने को कहा है। इस बीच, पुष्पा कमल दहल के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। लिहाजा माना जा रहा है, कि नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड अपनी इस टिप्पणी के बाद विवादों में घिर गये हैं। आपको बता दें, कि मई महीने में भारत दौरे पर आए प्रचंड काफी विवादों में घिर गये थे, जब उन्होंने मध्य प्रदेश के उज्जन में भगवान महादेव की पूजा की थी। प्रचंड एक वामपंथी नेता हैं और नेपाल के नेताओं ने मंदिर में पूजा को लेकर उनकी आलोचना की थी। वहीं, प्रचंड अपने इस शासनकाल में भारत के काफी करीब आ चुके हैं और उन्होंने नेपाल में एक पावर प्रोजेक्ट भी भारत को दिया है। वहीं, चीन के कई प्रोजेक्ट्स को उन्होंने खारिज कर दिया है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button