तालिबान के अधिकारियों को विदेश नीति की ट्रेनिंग देगा भारत, अफगानिस्तान में फिर से जम रहे कदम
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में कई तरह के प्रोजेक्ट्स को चला रहा भारत, अब तालिबान के अधिकारियों को विदेश नीति की ट्रेनिंग देगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान और भारतीय विदेश कार्यालय के बीच एक समझौता किया गया है, जिसके तहत भारतीय अधिकारी, अफगानिस्तान के डिप्लोमेट्स, एंबेसडर्स, राजनयिक कर्मचारियों और सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को ट्रेनिंग देगा, ताकि तालिबान के अधिकारी वैश्विक स्तर पर अपनी बात रख सकें और डिप्लोमेसी के सही रास्ते पर बढ़ सकें।
तालिबान को ट्रेनिंग देगा भारत
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि काबुल में भारतीय दूतावास ने "भारतीय विचारों के साथ विसर्जन" नामक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत राजनयिक कर्मचारियों और अन्य उच्च अधिकारियों को काबुल में स्थित अफगान कूटनीति संस्थान में ऑनलाइन प्रशिक्षित किया जाएगा। काबुल में राजनयिक सूत्रों ने कहा, कि ये संबंध ईरानी सरकार के माध्यम से स्थापित किए गए थे। वहीं, खबर ये भी है, कि भारत को देखने के बाद अब पाकिस्तान भी इस कोशिश में लगा हुआ है, कि वो भी तालिबानी अधिकारियों को डिप्लमेसी की ट्रेनिंग दी, लिहाजा उसने तालिबान से संपर्क साधा है। हालांकि, तालिबानी अधिकारियों ने पाकिस्तान को क्या जवाब दिया है, फिलहाल इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई है। लेकिन, पाकिस्तानी अखबार ने दावा किया है, कि इस्लामाबाद भी अपना ट्रेनिंग सेंटर खोलने पर विचार कर रहा है।
सैनिकों को ट्रेनिंग दे रहा है भारत
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, कि भारत ने अफगानिस्तान के युवाओं को भी मिलिट्री ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है और पहला बैच, भारत के सैन्य अकादमी से पास ऑउट हो गया है, जबकि दूसरे बैच की ट्रेनिंग चल रही है। आपको बता दें, तालिबान के काबुल पर कब्जा करने से पहले भारत ने काफी तेजी के साथ अफगानिस्तान में विकास कार्यक्रम चलाए थे और भारत के 3 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट्स अफगानिस्तान में चल रहे हैं। हालांकि, तालिबान के काबुल में आने के बाद भारत ने सभी प्रोजेक्ट्स को होल्ड पर रख दिया था, लेकिन तालिबान ने सत्ता संभालने के बाद भारत को फिर से अफगानिस्तान आने और अफगानों के लिए विकास कार्यक्रम चलाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद ही भारत ने काबुल में अपने दूतावास को खोल लिया है। वहीं, पिछले एक साल में भारत और तालिबान के अधिकारियों के बीच कई बार बैठकें भी हुई हैं और भारत लगातार अफगानिस्तान में खाद्य सामग्री और दवाएं भेज रहा है। पिछले हफ्ते भी भारत सरकार ने कहा है, कि अब वो पाकिस्तान के रास्ते से नहीं, बल्कि ईरान के चाबहार पोर्ट होते हुए अफगानिस्तान में मदद भेजेगा।