भारत को 41 साल बाद बैडमिंटन में मिला मेडल, प्रणय ने एशियन गेम्स में मचाया तहलका
हांगझोउ
भारत के शीर्ष एकल खिलाड़ी एचएस प्रणय ने गुरुवार को मलेशिया के ली झी जिया को तीन गेम तक चले रोमांचक क्वार्टर फाइनल में हरा दिया। इसी के साथ उन्होंने भारत के लिए 41 साल बाद बैडमिंटन का पुरुष एकल का पदक सुनिश्चित किया। लेकिन महिला एकल में पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा। कमर की चोट कारण पट्टी (टेप) बांधकर खेल रहे दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय ने दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी जिया को 78 मिनट चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 21-16 21-23 22-20 से हराया। वहीं मौजूदा खेलों में बैडमिंटन में भारत का दूसरा पदक सुनिश्चित किया।
भारत ने पिछले रविवार को पुरुष टीम चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। प्रणय ने मैच के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि मुकाबला काफी कड़ा था। ली हमेशा एक कड़ा प्रतिद्वंद्वी रहा है। आज मेरे लिए यह बहुत ही थकाने वाला मुकाबला था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं बिल्कुल भी ऐसी स्थिति में नहीं हूं जहां मैं कह सकूं कि मैं 80 प्रतिशत ठीक हूं। लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा कुछ करने के लिए मैं खुद को काफी श्रेय दूंगा। मुझे लगता है कि लड़ने की इच्छा हमेशा से थी और इसका फायदा मिला।’
प्रणय का पदक नई दिल्ली 1982 खेलों में सैयद मोदी के कांस्य के बाद एशियाई खेलों की पुरुष एकल स्पर्धा में भारत का पहला पदक है। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता प्रणय चीन के खिलाफ टीम चैंपियनशिप फाइनल में पीठ की चोट के कारण नहीं खेले थे। इस मुकाबले में 2-3 की हार के साथ भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।
प्रणय ने कहा, ‘इसका मुझ पर असर हो रहा था। लेकिन खेल ऐसा ही है। आप रोजाना अपना शत प्रतिशत नहीं दे सकते। लेकिन आपको 60 या 70 प्रतिशत देने की स्थिति में भी मैच जीतना सीखना होगा। मुझे लगता है कि आज ऐसा दिन था जब मुझे ऐसा करना पड़ा।’ थकान से जूझते हुए प्रणय ने निर्णायक गेम में दो मैच प्वाइंट बचाए और लगातार चार अंक के साथ गेम और मैच जीत लिया।
इससे पहले दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता सिंधू क्वार्टर फाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त के साथ एशियाई खेलों से बाहर हो गईं। दुनिया की 15वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू को दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी बिंगजियाओ के खिलाफ 47 मिनट में 16-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। प्रणय ने मैच के दौरान गजब की जुझारू क्षमता दिखाई। पहले गेम में 5-11 से पिछड़ने के बावजूद प्रणय ने वापसी करते हुए पहला गेम जीता। प्रणय को दूसरे गेम में दो मैच प्वाइंट मिले लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाए और मलेशिया के खिलाड़ी ने गेम जीतकर मुकाबले को तीसरे और निर्णायक गेम में खींच दिया। तीसरे गेम में प्रणय शुरुआत में 2-4 से पिछड़ गए। भारतीय खिलाड़ी ने मलेशिया के खिलाड़ी को रैली में उलझाने की कोशिश की लेकिन उनकी फिनिशिंग अच्छी नहीं रही जिसका ली ने फायदा उठाया। ली ने 7-4 की बढ़त बनाई।
ली ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिसका फायदा उठाकर प्रणय ने ब्रेक तक 11-10 की बढ़त बनाई। प्रणय ने लंबी रैली के बाद शानदार नेट शॉट से बढ़त 13-10 की जिसे उन्होंने 15-13 तक पहुंचाया। ली ने वापसी करते हुए स्कोर 16-16 किया। कमर के दर्द से जूझ रहे प्रणय ने इसके बाद मेडिकल टाइम आउट लिया। ली ने इसके बाद दमदार स्मैश से दो मैच प्वाइंट हासिल किए। भारतीय खिलाड़ी ने दो क्रॉस शॉट के साथ स्कोर 20-20 किया। उन्होंने इसके बाद एक मैच प्वाइंट हासिल किया और सटीक स्मैश के साथ गेम और मैच जीत लिया। सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक में बिंगजियाओ को ही सीधे गेम में हराकर कांस्य पदक जीता था लेकिन चीन की खिलाड़ी ने अपनी सरजमीं पर जीत के साथ बदला चुकता किया और भारतीय खिलाड़ी से पिछले दो एशियाई खेलों के पदक के रंग को बेहतर करने का मौका छीन लिया।