राजनांदगांव
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानानुसार कृषकों को फसल उत्पादन में क्षति के अतिरिक्त बुआई नहीं हो पाने, रोपण बाधित होने, मौसम प्रतिकूलताओं के कारण नुकसान, स्थानीय आपदाओं की स्थिति होने पर कृषकों को संबल प्रदान करने के उद्देश्य से फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत शासन द्वारा किसानों की फसल खराब होने पर उन्हें बीमा कवर प्रदान किया जाता है।
फसल खराब होने पर बीमा दावा राशि किसानों को प्रदाय की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा से हुए फसल नुकसान पर पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि कृषकों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और किसानों की आय को स्थिर एवं उनकी खेती में निरंतरता सुनिश्चित हो सके। इस योजना के तहत शासन द्वारा किसानों को फसलों के नुकसान पर अलग-अलग धन राशि प्रदान की जाती है। अंतिम भुगतान हेतु दावा गणना आयुक्त भू-अभिलेख छत्तीसगढ़ द्वारा अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसलों के लिए निर्धारित न्यूनतम अनिवार्य संख्या में किये गये फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त औसत उपज के आकड़ों के आधार पर की जाती है तथा पात्रता अनुसार दावा राशि बीमा कंपनी द्वारा बैंक के माध्यम से किसानों के खातों में अंतरित की जाती है।
उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय ने बताया कि रबी वर्ष 2022-23 में जिले के 72 हजार 480 किसानों ने 53 हजार 304 हेक्टेयर रकबा में बीमा कराया था। जिसमें 43 हजार 22 पात्र किसानों को 51 करोड़ 45 लाख 45 हजार रूपए का दावा राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित की गई है। फसल उत्पादन में क्षति, बुआई, रोपण बाधित होने, मौसम प्रतिकूलताओं अतिवृष्टि, सूखा, ओलावृष्टि आदि के कारण नुकसान, स्थानीय आपदाओं की स्थिति से जोखिम प्रबंधन हेतु क्षेत्र के किसानों में रूझान बढ़ा है। विगत खरीफ वर्ष 2022 में 1 लाख 12 हजार 200 किसानों के द्वारा 1 लाख 37 हजार 783 हेक्टेयर रकबे में फसल बीमा कराया गया था। इस प्रकार वर्ष खरीफ 2023 में 1 लाख 47 हजार 515.4 हेक्टेयर 7.06 प्रतिशत अधिक रकबा में किसानों द्वारा फसल बीमा कराया गया है।