आयकर विभाग ने बदले नियम, कर्मचारियों के हाथ आएगी अब ज्यादा सैलरी
नई दिल्ली
आयकर विभाग ने कंपनी की ओर से कर्मचारियों को दिए गए किराया रहित आवास ( Rent-free Accommodation) का मूल्यांकन करने के नियम बदल दिए हैं। इससे अच्छा वेतन पाने वाले और कंपनी की ओर से मिलनेवाले किराया-रहित आवास में रहने वाले कर्मचारी अब और ज्यादा बचत कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों के टेक-होम वेतन में वृद्धि होने की संभावना है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CTBT) ने 18 अगस्त को आयकर नियमों में संशोधन से संबंधित अधिसूचना जारी की है। ये नियम 1 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगे। वित्त अधिनियम 2023 एक कर्मचारी को उसकी कंपनी द्वारा प्रदान किए गए रियायती आवास के मूल्य के संबंध में 'सुविधा' की गणना के प्रयोजनों के लिए संशोधन लाया था। सुविधा की गणना के नियम अब अधिसूचित कर दिए गए हैं। आयकर विभाग ने शनिवार कहा कि शहरों और आबादी का वर्गीकरण और सीमाएं अब 2001 की जनगणना के मुकाबले 2011 की जनगणना के आधार पर की गई हैं।
जिन शहरों की आबादी 40 लाख से अधिक है वहां मूल्यांकन वेतन का 10% होगा, पहले 15% होता था। तथा पहले आबादी की सीमा 25 लाख थी।
– जिन शहरों की आबादी 15 लाख से 40 लाख के बीच है, वहां मूल्यांकन वेतन का 7.5% होगा, जो पहले 10% होता था।
15 लाख से कम आबादी वाले शहरों में मूल्यांकन वेतन का 5 प्रतिशत किया गया है, पहले यह 7.5 प्रतिशत होता था। आबादी की सीमा 10 लाख से कम थी।
(आबादी की गणना 2011 की जनगणना के अनुसार)
एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि जो कर्मचारी पर्याप्त वेतन प्राप्त कर रहे हैं और नियोक्ता से आवास प्राप्त कर रहे हैं, वे अधिक बचत कर सकेंगे क्योंकि संशोधित दरों के साथ उनका कर योग्य आधार अब कम होने जा रहा है।एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गौरव मोहन ने कहा कि इन प्रावधानों में 2011 की जनगणना के आंकड़ों को शामिल किया गया है और इसका उद्देश्य अनुलाभ मूल्य गणना को तर्कसंगत बनाना है।
मोहन ने कहा कि किराया-मुक्त आवास का लाभ लेने वाले कर्मियों के कर योग्य वेतन में कमी आएगी, जिससे घर ले जाने वाले शुद्ध वेतन में वृद्धि होगी। हालांकि इसके दोहरे प्रभाव भी होंगे, कर्मचारियों की बचत बढ़ेगी लेकिन सरकारी राजस्व में कमी आएगी। मामूली आवास वाले कम आय वाले कर्मचारियों को कर राहत का बहुत लाभ नहीं होगा।