भोपालमध्यप्रदेश

आजादी की शताब्दी वर्ष में विश्व का भरण-पोषण राष्ट्र बनेगा भारत: मंत्री परमार

सांसद वी.डी. शर्मा के मुख्य आतिथ्य में पशु चिकित्सकों का प्रांतीय अधिवेशन संपन्न
डॉ. मनोज गौतम प्रांतीय राजपत्रित पशु चिकित्सक संघ के अध्यक्ष बने

भोपाल

आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में भारत अमेरिका सहित अनेक देशों में खाद्य सामग्री भेजने में समर्थ हो गया है। शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत विश्व का भरण पोषण करने वाला राष्ट्र होगा। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने यह बात आज समन्वय भवन में राजपत्रित पशु चिकित्सक संघ मध्यप्रदेश के प्रांतीय अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए कही।

परमार ने कहा कि कृषि प्रधान देश भारत में किसानों की अतिरिक्त आय का साधन पशुपालन है और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत की बढ़ती कृषि आय में पशु चिकित्सकों का अपरोक्ष रूप से महत्वपूर्ण योगदान शामिल है। उन्होंने कहा कि देशी गाय पालन को बढ़ावा दें। प्राचीन सुसमृद्ध, शिक्षित विश्वगुरू भारत की तरह 2047 के भारत को गढ़ने का काम करोड़ो लोगों के समन्वय से जारी है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आज विश्व का 25 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन भारत में हो रहा है। भारत की आर्थिक उन्नति में इसकी बड़ी भूमिका है। जिसमें पशु चिकित्सकों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। जिन राज्यों में कृषि के साथ पशुपालन किया जा रहा वे राज्य आर्थिक तंगी के दौर से नहीं गुजरते। प्रधानमंत्री ने इस दिशा में काफी प्रयास किये हैं। आज देश 36 करोड़ और मध्यप्रदेश के एक करोड़ 36 लाख लोग गरीबी रेखा से मुक्त हो चुके है। उन्नत ग्रामीण समाज निर्माण में पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

प्रमुख सचिव पशुपालन गुलशन बामरा ने कहा कि 'वन हेल्थ कॉन्सेप्ट' आ रहा है। इसमें पशु चिकित्सकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण होगी। प्रदेश की जीडीपी में कृषि का एक तिहाई योगदान है। जिसमें से 10 प्रतिशत पशुपालन से आता है। उन्होंने कहा पशुचिकित्सकों का वेतन पदोन्नति अन्य चिकित्सकों के बराबर है। इंटर्नशिप, स्टायपेंड भी बराबर हो जाएगा। वेटनरी थ्री टियर को विकसित करने का प्रयास जारी है। चलित पशु एम्बुलेंस योजना में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिले हैं।

भारतीय चिकित्सा परिषद के डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश के एकजुट पशु चिकित्सकों ने जिस तरह प्रदेश को अग्रपंक्ति तक पहुँचाया है, वह दूसरे राज्यों के लिये भी प्रेरणास्पद है। एक समय था जब अमेरिका मिल्क पाउडर भारत भेजता था, आज भारत सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। चलित पशु चिकित्सा इकाई संचालन में मध्यप्रदेश मॉडल लोकप्रिय हो रहा है। भारत में 32 करोड़ परिवारों की आजीविका साधन पशुपालन है। जिसमें पशु चिकित्सकों का सहयोग सराहनीय है। कोरोना काल भी पशु चिकित्सकों ने पूरे देश में अपनी जान की परवाह न करते हुए पशु और मानव की जो सेवा की वह प्रशंसनीय है। इस दौरान देश के लगभग 400 पशु चिकित्सकों ने अपने प्राण भी खोए। कार्यक्रम को संचालक डॉ. आर.के. मेहिया ने भी संबोधित किया।

आईवीए (महिला विंग) की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी श्रीनिवासन सहित अधिवेशन में प्रदेश के सभी जिलों के संयुक्त संचालक और उप संचालक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन उप संचालक डॉ. प्रियकांत पाठक और आभार प्रदर्शन संघ के महा सचिव डॉ. अनुपम अग्रवाल ने किया।

 

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