एक नहीं चार तेंदुओं की दहशत में एक दर्जन गांव, स्कूल नहीं जा रहे बच्चे, लोग कर रहे रतजगा
आगरा
आगरा के मनसुखपुरा क्षेत्र में एक नहीं चार तेंदुए हैं। पिछले एक सप्ताह में तीन दर्जन पशुओं को अपना शिकार बना चुके हैं। ग्रामीण दहशत में हैं। खेतों पर जाना छोड़ दिया है। बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। हर किसी को तेंदुए के हमले का भय सता रहा है। सूचना पर वन विभाग की टीम ने पिंजरा लगाया है। एक दर्जन से ज्यादा गांवों के लोग सो नहीं पा रहे हैं। सबसे ज्यादा दहशत चंबल के बीहड़ से सटे गांव पलोखरा में है। गांव का रास्ता बीहड़ से होकर है।
गांव पलोखरा चंबल के बीहड़ के बीच बसा हुआ है। ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने आबादी क्षेत्र में तेंदुए को देखा है। आबादी क्षेत्र के आसपास एक नहीं चार तेंदुए हैं। प्रतिदिन रात में पशुओं का शिकार कर रहे हैं। गुरुवार की रात तेंदुए ने गांव में कमरउद्दीन के बाड़े में हमला बोला। तीन बकरियों को अपना शिकार बनाया। बकरियों के मिमयाने की आवाज सुनकर कमरउद्दीन की नींद खुली। उसने शोर मचाया। गांव में जगार हो गई। ग्रामीण घरों से बाहर निकल आए। बाड़े में बकरियों की हालत देखकर ग्रामीण भी घबरा गए।
ग्रामीणों ने तेंदुए को देखा। लाठी-डंडों के सहारे उसे गांव से बाहर बीहड़ की तरफ दौड़ा लिया। घटना की सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना पर रेंजर बाह उदय प्रताप सिंह, थाना प्रभारी मनसुखपुरा अमरदीप शर्मा फोर्स के साथ रात में ही गांव पहुंचे। वन विभाग की टीम ने चंबल के बीहड़ में तेंदुए की तलाश की, लेकिन नहीं मिला। ग्रामीणों की मांग पर पिंजरा लगाया गया है।पलोखरा के अलावा मैदीपुरा,नांद का पुरा, टीकत पुरा, गढ़ का पुरा, मनसुख पुरा, रेहा, बरेंडा, बाज का पुरा, जगतू पुरा, सुखभान पुरा,परजा पुरा बड़ापुरा, करकोली,विप्रावली में दहशत है।
पशुओं को बनाया शिकार
पलोखरा निवासी विजय की दो बकरियां, कमरुद्दीन की तीन बकरियां, धर्मवीर की एक भैंस, मैदीपुरा निवासी बीदाराम की दो बकरियों को तेंदुआ अपना शिकार बना चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में तीन दर्जन मवेशियों पर हमला हुआ है।
पहरा दे रहे ग्रामीण
कमरुद्दीन, विजय आदि ने बताया कि पुलिस और वन विभाग की टीम मदद को आ गई थी। ग्रामीण भी अपने स्तर से पहरा दे रहे हैं। पहरे के लिए क्रम बनाया गया है। ग्रामीण पहरे के दौरान एक साथ रहते हैं। लाठी-डंडे साथ रखते हैं। रेंजर बाह उदय प्रताप सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम दो दिन से कांबिंग कर रही है। जिस गांव में तेंदुए का ज्यादा आतंक है वहां पिंजरा लगा दिया गया है।