ज्ञानवापी मामले में अहम फैसला, कोर्ट ने ASI सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश
वाराणसी
साल 1991 में पं. सोमनाथ व्यास एवं अन्य द्वारा दाखिल मुकदमे में गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे रिपोर्ट को दाखिल करने का एएसआइ को निर्देश दिया है।
वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र में अपील की गई थी कि भारत सरकार के अधीन आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को निर्देशित किया जाए कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के 19 दिसंबर 2023 के आदेश के अनुपालन में एएसआइ द्वारा ज्ञानवापी परिसर में किए गए पुरातात्विक सर्वे की रिपोर्ट इस मुकदमे में नियत तिथि 19 जनवरी 2024 तक दाखिल करें।
साथ ही सर्वे रिपोर्ट की प्रति वादी पक्ष के अधिवक्ता को मुहैया कराएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के आदेश आठ अप्रैल 2021 का अनुपालन शेष रह गया हो तो पुनः सर्वे का आदेश पारित किया जाए।
वादमित्र के प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एएसआई को निर्देश दिया कि सर्वे रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करे और इसकी प्रति वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को उपलब्ध कराए। सुनवाई के दौरान एएसआई की ओर से अदालत में स्टैंडिंग गवर्नमेंट कौंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव और वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजेन्द्र प्रताप पांडेय मौजूद थे।