सरकार के तत्काल कदम से घरेलू स्टार्टअप कंपनियों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा: वैष्णव
नई दिल्ली
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) की विफलता के बाद घरेलू स्टार्टअप की मदद के लिये सरकार ने तत्काल कदम उठाया है। इससे सुनिश्चित हुआ कि उन पर ‘मामूली संकट’ का प्रतिकूल असर नहीं पड़े।
उन्होंने पूरे स्टार्टअप समुदाय से भारतीय बैंक क्षेत्र को अपना भरोसेमंद साथी मानने का आह्वान किया। वैष्णव ने कृत्रिम मेधा (एआई) और क्वॉन्टम कंप्यूटिंग के क्षेत्रों में भारत के तेजी से उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया।
मंत्री ने भारत वैश्विक मंच कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब भारत को केवल प्रौद्योगिकी उपभोक्ता के तौर पर देखा जाता था, लेकिन आज कई वैश्विक कंपनियां भारतीय स्टार्टअप, उद्यमियों और शिक्षाविदों को अपने भागीदार के रूप में पसंद करती हैं, क्योंकि इससे प्रौद्योगिकी के विकास पर सकारात्मक असर पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘…हम इन दो प्रौद्योगिकियों में भारत और दुनिया के लिये समाधान विकसित करने के लिये भारतीय प्रतिभा का उपयोग करना चाहेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत चैटजीपीटी की तरह कुछ बना सकता है, मंत्री ने कहा, ‘‘कुछ सप्ताह इंतजार कीजिए, बड़ी घोषणा होगी।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये भारत जैसा भरोसेमंद भागीदार महत्वपूर्ण है।
वैष्णव के अनुसार, पूरी दुनिया में माना जा रहा है कि भारत को एक प्रमुख सेमीकंडक्टर विनिर्माण गंतव्य के रूप में उभरना चाहिए। सरकार देश में एक जीवंत सेमीकंडक्टर विनिर्माण परिवेश तंत्र सुनिश्चित करने के लिये पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है।
मंत्री ने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक के पतन के बाद सरकार उन भारतीय स्टार्टअप को संभालने के लिये तत्काल कदम उठाने शुरू कर दिये जिनकी बैंक में जमा राशि थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उस मामूली संकट के लिये तुरंत कदम उठाया और पूरे स्टार्टअप समुदाय के साथ जुड़े। इसके यह सुनिश्चित किया कि जो भी जमा राशि वे भारतीय बैंकों में स्थानांतरित करना चाहते हैं, वह आसानी से हो … सरकार की विभिन्न इकाइयों के बीच सहयोग से पूरी प्रक्रिया को सुचारू रूप से क्रियान्वित किया गया।’’
वैष्णव ने वैश्विक उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को देश और दुनिया के लिये विश्वसनीय प्रौद्योगिकी विकसित करने को भारत की बढ़त का लाभ उठाने को कहा।