देश

इलेक्ट्रिक कार खरीद लिए हैं या खरीदने का मूड बना रहे हैं तो अपके लिए बड़ी खबर है

नई दिल्ली

इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) की कीमत अब धीरे-धीरे घटने लगी है। बीते फरवरी महीने में ही टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपने इलेक्ट्रिक कार के दो मॉडलों की कीमत में करीब सवा लाख रुपये तक की कटौती की थी। बताया जा रहा है कि कई इलेक्ट्रिक कार की कीमत अब पेट्रोल कार के बराबर हो गई है। लेकिन ई-कार (e-car) के खरीदारों को जो सबसे बड़ा टेंशन होता है, वह इसकी चार्जिंग की है। एक बार घर से निकल गए तो फिर ईवी चार्जिंग स्टेशन (ev charging station) मिले ना मिले, क्या ठिकाना। ऐसे कार मालिकों के लिए बड़ी खबर आई है। यह खबर आई है पेट्रोल पंप चलाने वाली सरकारी कंपनियों (Government Oil Companies) की तरफ से। ये कंपनियां देश भर में करीब 15,000 पेट्रोल पंपों (Petrol Pump) पर ईवी चार्जिंग स्टेशन खोल ली हैं या खोलने वाली हैं।

14,450 पेट्रोल पंप पर खुल चुके हैं चार्जिंग स्टेशन

केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस समय इंडियन ऑयल (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) जैसी सरकारी ऑयल कंपनियों के 14,450 पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन खुल चुके हैं। एक साल पहले चार्जिंग सुविधा वाले पंपों की संख्या महज 6,700 ही थी। मतलब कि यह एक साल में ही दोगुनी से अधिक हो गई है। उल्लेखनीय है कि देश में जितने पेट्रोल पंप हैं, उनमें 95 फीसदी पंप इन्हीं सरकारी कंपनियों के हैं। शेष पांच फीसदी की हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के कंपनियों की है। इनमें रोसनेफ्ट (Rosneft) समर्थित नायरा एनर्जी (Nayara Energy) के पास ईवी चार्जर वाले अधिकांश निजी क्षेत्र की कंपनियों के पेट्रोल पंप हैं। यदि सबमें देखें तो भारत में इस समय करीब 89,000 पेट्रोल पंप चल रहे हैं। इनमें से 17% पंपों पर अब ईवी चार्जिंग सुविधाएं विकसित हो चुकी हैं। देश में पेट्रोलियम ईंधन के सबसे बड़े रिटेलर इंडियन ऑयल (Indian Oil) के पास ईवी चार्जिंग की सुविधा वाले 8,760 फिलिंग स्टेशन हैं। इस कंपनी के पास अभी कुल 32,000 पंप हैं। मतलब कि इस कंपनी के करीब एक चौथाई पंपों पर ईवी चार्जिंग फैसिलिटी है। इस समय एचपीसीएल के 3,050 पंप और बीपीसीएल के 2,640 पंपों पर भी ईवी चार्जिंग की सुविधा है।

चार्जिंग स्टेशन के लिए डायवर्स स्ट्रेटेजी

पेट्रोल पंप चलाने वाली कंपनियां आंख मूंद कर तो पेट्रोल पंप पर ईवी चार्जिंग फैसिलिटी डेवलप कर नहीं रही हैं। इसके लिए वे डायवर्स स्ट्रेटेजी पर काम काम कर रही हैं। कुछ कंपनियां कुछ हाईवेज पर फोकस कर रही हैं तो कुछ कंपनियां कुछ इलाकों पर, जहां ईवी की संख्या ज्यादा है। ये कंपनियां बैटरी स्वैपिंग स्टेशन भी बना रही हैं जहां मुख्य रूप से टू व्हीलर और थ्री व्हीलर को सुविधा मिलेगी।
 

अभी नही हो रहा है चार्जिंग स्टेशन का पूरा उपयोग

सरकारी तेल कंपनियों ने अपने पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन तो खोल दिया है, लेकिन उसका उपयोग बहुत कम हो रहा है। एक सरकारी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारिक सूत्र का कहना है कि इस समय ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर क्षमता का उपयोग बहुत कम है। देखा जाए तो इन दिनों मुख्य रूप से टू व्हीलर ही चार्ज हो रहे हैं। उनका कहना है "यदि आपके पास पर्याप्त चार्जिंग सुविधाएं नहीं हैं, तो लोग ईवी नहीं खरीदेंगे। और यदि आपके पास सड़क पर पर्याप्त ईवी नहीं हैं, तो चार्जिंग सुविधाओं का सीमित उपयोग होगा। यह मुर्गी और अंडे की समस्या है। हालांकि, हम चार्जिंग समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अंततः ईवी बिक्री को बढ़ावा देने में मदद करेगा। "

आसान नहीं है चार्जिंग स्टेशन बनाना

इसी सेक्टर से जुड़े एक अन्य अधिकारी का कहना है कि ऑयल कंपनीज के लिए चार्जिंग फेसिलिटीज डेवलप करना आसान नहीं है। उन्हें बिजली वितरण कंपनियों से बिजली कनेक्शन मिलने में देरी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कुछ राज्य की डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां इसके लिए निश्चित शुल्क लगाती हैं। हालांकि केंद्रीय बिजली मंत्रालय के दिशानिर्देश इसकी अनुमति नहीं देते हैं। दरअसल, ऐसे फिक्स्ड चार्ज से ईवी चार्जिंग सेक्टर के इकोनोमिक्स को नुकसान पहुंचता है। कुछ स्थानों पर तीन-फेज का बिजली कनेक्शन ही उपलब्ध नहीं है।
 

22 हजार पंपों पर ईवी चार्जिंग फेसिलिटी

सरकारी ऑयल कंपनियां यथा इंडियन ऑयल, एचपीसीएल और बीपीसीएल ने अपने 22,000 पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग सुविधाएं स्थापित करने की योजना बनाई है। अभी तक करीब 15 हजार पंपों पर यह सुविधा बनाई जा चुकी है। मतलब कि उन्होंने अपने लक्ष्य का दो-तिहाई हासिल कर लिया है। उनके स्टेशनों में स्लो और फास्ट चार्जर का मिक्स होता है। उन्होंने चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण और संचालन के लिए कार निर्माताओं, फ्लीट मालिकों और बिजली कंपनियों के साथ भी समझौता किया है। कुछ तेल कंपनियां पंपों से परे चार्जिंग बुनियादी ढांचे का भी संचालन कर रही हैं।

बढ़ रही है ईवी व्हीकल की बिक्री

सरकार चाहती है कि लोग पारंपरिक ईंधन वाले मोटर वाहनों के बजाए ईवी खरीदे। इसलिए तो केंद्र सरकार की तरफ से ईवी को मिलने वाली सब्सिडी की अवधि बढ़ाई गई। इसका असर भी दिखा। साल 2023 के दौरान भारत में लगभग 1.53 मिलियन इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचे गए थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50% अधिक है। इनमें लगभग 860,000 टू व्हीलर, 580,000 थ्री व्हीलर और 82,000 कारें शामिल थीं।

पिछले महीने ही कम हुए हैं ईवी के दाम

इस समय दुनिया भर में बैटरी की कीमत घट रही है। इसी वजह से मोटर वाहन बनाने वाली टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) और एमजी मोटर (MG Motor) ने बीते फरवरी में कीमतें घटाई थीं। टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक व्हीकल ब्रांच ने ई-कार के दो मॉडल Nexon.ev और Tiago.ev की कीमतों में 1.2 लाख रुपये तक की कटौती की थी। अब Nexon.ev की कीमत 14.49 लाख रुपये से शुरू होती है। Tiago.ev की कीमतों में भी 70,000 रुपये तक की कटौती की गई है। इसके बेस मॉडल की कीमत अब 7.99 लाख रुपये से शुरू हो रही है। साथ ही एमजी मोटर ने भी ऐसा ही निर्णय लिया था। एमजी मोटर्स के चर्चित ई व्हीकल कॉमेट (Comet) मिनी इलेक्ट्रिक के एक्स-शोरूम प्राइस में एक लाख रुपये तक की कटौती हुई थी। इस कार की कीमत अब घट कर सात लाख रुपये रह गई है। इससे बड़ी ईवी जेडएस ग्रीन एसयूवी (ZS green SUV) में एक ऑल न्यू लोअर प्राइस वर्जन आया है जिसकी कीमत 19 लाख रुपये है। पहले इसके स्टार्टिंग वर्जन की कीमत 22 लाख रुपये से शुरू होती थी।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button