तीन दिन स्कूल नहीं आए बच्चे तो काट दो नाम, केके पाठक के तेवर से अभिभावक हैरान
बिहार
बिहार के तेजतर्रार आईएएस अधिकारी एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने आदेशों को लेकर काफी चर्चा में हैं। स्कूलों के निरीक्षण के दौरान उनके तेवर देखकर शिक्षक एवं कर्मचारी भी खौफ खाने लगे हैं। मगर केके पाठक ने अब एक ऐसा निर्देश दिया है, जिससे अभिभावक भी हैरान हैं। गुरुवार को सीमांचल दौरे पर पहुंचे एसीएस केके पाठक ने विद्यार्थियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने निर्देश दिया कि कोई बच्चा स्कूल में तीन दिन से ज्यादा अनुपस्थित है तो उसका नामांकन रद्द कर दो।
एसीएस केके पाठक ने गुरुवार को पूर्णिया एवं अररिया में कुछ सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया। पूर्णिया में निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि तीन दिनों से अधिक अनुपस्थित रहने पर स्कूली बच्चों का नामांकन रद्द किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने स्कूल टाइम में निजी कोचिंग संस्थान खुले रहने पर कड़ी आपत्ति जताई। साथ ही उन्होंने शिक्षा पदाधिकारी के साथ जिलाधिकारी को सरकारी विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने निरीक्षण के दौरान वर्ग कक्षा, शौचालय और प्रयोगशाला का भी मुआयना किया। स्कूली बच्चों से वर्ग संचालन को लेकर जानकारी ली।
गुरुवार को विद्यालय खुलते ही केके पाठक सबसे पहले राजकीयकृत राजा पृथ्वी चंद उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। इस दौरान विद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार यादव को पाठक ने निर्देश दिया कि तीन दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहने वाले छात्र छात्राओं का नामांकन खत्म कर दिए जाए। इसके बाद स्कूली बच्चों के अभिभावक भी हैरान हैं। केके पाठक ने स्मार्ट क्लास , बेहतर शिक्षा, छात्रों की उपस्थिति और साफ सफाई को लेकर कई निर्देश दिए। उन्होंने स्कूली बच्चों से भी बातचीत की।
स्कूल में आधे बच्चे ही उपस्थित, बिफर पड़े केके पाठक
पूर्णिया के बाद एसीएस केके पाठक ने अररिया जिले का दौरा किया। हाईस्कूल अररिया में निरीक्षण के दौरान आधे बच्चे ही उपस्थित पाए गए तो तो वे बिफर पड़े। उन्होंने प्रधानाध्यापक को उपस्थिति सुधारने का निर्देश दिया, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा। वर्ग कक्ष बच्चों से पूछताछ की और शिक्षकों को ईमानदारी पूर्वक पढ़ाने की हिदायत दी। एचएम को कार्यसंस्कृति सुधारने के निर्देश दिए। लाव लश्कर के साथ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सबसे पहले उमवि गैयारी (अजा) पहुंचे। यहां एक-एक क्लास जाकर बच्चों से होमवर्क की जानकारी ली।