मैंने तीन को वोट का संकल्प दिलाया तुम चैन सिस्टम जैसा आगे बढ़ाओ…
भोपाल
बीजेपी आगामी चुनाव में 51 प्रतिशत वोट हासिल करने के लिए अब फिल्म जय हो की थीम पर काम करेगी। इस फिल्म की थीम में एक व्यक्ति की मदद करने के बाद तीन अन्य लोगों की मदद करने के लिए संकल्प दिलाया गया है। इसी आधार पर चुनाव के दौरान पार्टी के हर कार्यकर्ता को टारगेट दिया जाएगा कि हर कार्यकर्ता तीन नए वोट पार्टी को दिलाने का संकल्प लेगा और इसके लिए नव मतदाता से लेकर हर उस वोटर के संपर्क में रहेगा जो दूसरी पार्टी को वोट करते हैं।
बीजेपी संगठन ने इस थीम पर काम करने के लिए जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों को निर्देश भी दिए हैं। पिछले दिनों हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि पन्ना समितियां हमारी पार्टी की ताकत बनी हैं और गुजरात की जीत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसलिए जिलों में बनाई जा रही पन्ना समितियों और पन्ना प्रमुखों को नए लोगों को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारियां और काम दिए जाएंगे।
साथ ही हर कार्यकर्ता तीन नए वोट पार्टी को दिलाने का संकल्प लेगा और नए वोट हासिल हों, इसके लिए लगातार प्रयास करेगा। ऐसा होने पर पार्टी को वे एक करोड़ वोट भी हासिल हो जाएंगे, जो पिछले चुनाव में नहीं मिले थे। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों के साथ पन्ना समितियों को भी प्रवास, संपर्क और संबंध को अपनी कार्यप्रणाली में अपनाना होगा। इसलिए अधिक से अधिक प्रवास करना है और योजना बनाकर काम करना है। साथ ही अपने सहयोगियों में काम का विभाजन कर उनसे काम भी लेना है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी इस थीम के सहारे नए लोगों को जोड़ने के साथ नए वोट हासिल करने के फार्मूले पर भी अमल करेगी। संगठन ने जिला अध्यक्षों से कहा है कि बीजेपी नेतृत्व पर जनता का विश्वास है, बस हमें लोगों तक पहुंचकर उन्हें पार्टी से जोड़ना है।
गुजरात में पन्ना समितियों को मिला है जीत का क्रेडिट
बीजेपी नेता और खुद प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि 2019 का चुनाव पार्टी ने गरीब कल्याण की योजनाओं के दम पर जीता था और आने वाले चुनाव हम अपने कार्यकतार्ओं की मेहनत और ताकत के बल पर जीतेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की जीत का श्रेय वहां के कार्यकर्ताओं और 80 लाख पन्ना समितियों को दिया है। पन्ना समितियों का सदस्य बनने से कार्यकर्ताओं को अपनी जिम्मेदारी का बोध हुआ और कार्यकर्ता का यही भाव पार्टी की ताकत है। मध्यप्रदेश में भी इसी ताकत को जागृत करने की आवश्यकता है।