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दिल्ली में सैकड़ों छात्रों ने संदेशखालि मामले में कार्रवाई न करने के लिए ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

नई दिल्ली
दिल्ली में सैकड़ों छात्रों ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कार्रवाई न करने के लिए ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया। मध्य दिल्ली के बंग भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की अगुवाई में प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के खिलाफ नारे लगाए और संदेशखालि में कथित तौर पर जमीन हथियाने और महिलाओं से दुष्कर्म के मामलों की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की। छात्र संगठन अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपेगा। इस महीने की शुरुआत में भाजपा की दिल्ली इकाई ने संदेशखालि मुद्दे को लेकर टीएमसी सरकार के खिलाफ एक प्रदर्शन किया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की थी।

बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और नेता तख्तियां लिए तीन मूर्ति चौक पर एकत्रित हुए और उन्होंने यह कहते हुए बनर्जी के खिलाफ नारे लगाए कि इस मुद्दे पर एक महिला मुख्यमंत्री की ‘‘चुप्पी शर्मनाक और दुखद'' है। पार्टी के एक बयान के अनुसार, भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाए अवरोधक तोड़ दिए जिसके बाद उसकी दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और उन्हें तुगलक रोड पुलिस थाने ले जाया गया।

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि ममता को पद से इस्तीफा देना चाहिए। पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को 55 दिन बाद बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था। शेख को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद टीएमसी ने उन्हें छह साल के लिए निलंबित कर दिया।

 

Pradesh 24 News
       
   

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