मणिपुर में हुई हथियारों की सबसे बड़ी लूट, जवानों से सैकड़ों राइफल और हजारों कारतूस छीन ले गई भीड़
इंफाल
मणिपुर में हालात अभी काबू में नहीं हैं। यहां विष्णुपुर जिले में उपद्रवियों ने पुलिस से भारी संख्या में हथियार और गोला बारूद लूट लिए। उपद्रवियों और जवानों के बीच झड़प में कम से कम दो दर्जन सुरक्षाकर्मी घायल भी हो गए। बता दें कि हिंसा की शुरुआत के बाद से ही उपद्रवी जवानों को निशाना बनाकर हथियार लूटते रहे हैं। हालांकि यह अब तक की सबसे बड़ी लूट थी। बताया जा रहा है कि 500 की भीड़ ने हमला करके तीन से करीब गन और 16 हजार कारतूस लूट ले गए। जवानों ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। हालांकि उपद्रवी संख्या में बहुत ज्यादा थे।
जानकारी के मुताबिक उपद्रवियों की भीड़ ने 298 राइफल, एसएलआर, एलएमजी और मोर्टार, ग्रेनेड लूट लिए। वे कम से कम 16 हजार राउंड लेकर भाग गए। मोईरंग पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी हथियारों की लूट है। भीड़ ने नरानसीना स्थित द्वितीय इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) के मुख्यालय पर हमला किया था। बताया जा रहा है कि कुकी संगठन हिंसा में मारे गए लोगों को चुराचांदपुर के हाओलाई खोपी में सामूहिक दफन करना चाहता था। हालांकि बहुसंख्यक समुदाय इसके विरोध में था। इस वजह से कई जिलों में हिंसा फैल गई।
इसके बाद ही भीड़ ने आरबीआई मुख्यालय पर हमला कर दिया और 16 हजार राउंड गोलियां. एके सीरीज की असॉल्ट राइफल, तीन घातक राइफल, 195 सेल्फ लोडिंग राइफल, पांच एमपी-4 गन, 16 पिस्तौल, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट, 21 कार्बाइन, 124 ग्रेनेड सहित अन्य गोला बारूद लूट लिए। भीड़ इंफाल में दो अन्य शस्त्रागारों पर भी हमला करने की फिराक में थी। हालांकि सुरक्षाबल पहले ही अलर्ट हो गए थे ऐसे में वे हथियार लूट नहीं पाए।
मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें हैरानी है कि भीड़ इस तरह से हाई सिक्योरिटी जोन में भी घुस सकती है और हमारे हथियारों पर हाथ साफ कर सकती है। पुलिस का कहना है कि कई लूटे गए हथियारों को बरामद कर दिलाय गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की लूट पहले भी हुई है और हम इसे बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। हथियार छीनना बड़ा अपराध है। हमने आईजीपी रैंक के अधिकारी को आईआरबी हेडक्वार्टर भेजा है और यह पता लगाया जाएगा कि कैसे भीड़ यहां से हथियार ले जा सकती है।
क्वार्टरमास्टर की रिपोर्ट के मुताबिक भीड़ में ज्यादातर लोग 40 या 45 छोटे वाहनों से आए थे। बहुत सारे लोग पैदल भी थे। मेनगेट पर पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले गार्ड पर हमला किया। वे सातवीं मणिपुर राइफल्स और दूसरी मणिपुर राइफल्स से भी हथियार लूटने की योजना बना चुके थे लेकन सतर्कता की वजह से यह कामयाब नहीं हो सकी। बता दें कि हिंसा शुरू होने के कुछ ही दिनों में भीड़ ने 4617 ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक हथियार लूट लिए थे। इसके अलावा उपद्रवी अब तक 6 लाख गोलियां जवानों से छीन चुके हैं।