सैकड़ों कर्मचारी बर्खास्त, बिजली-पानी को तरसे लोग, यूपी में मुश्किल हुए हालात
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से लाखों लोगों को अंधेरे में रात गुजरानी पड़ रही है। लगातार सरकार और कर्मचारियों के बीच चल रही ठनाठनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, जिसकी वजह से कई शहरों में बिजली गुल है। सरकार लगातार हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से बात करके उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी बात बनती नहीं दिख रही है। कई शहरों में बिजली कर्मचारियों को बर्खास्त भी कर दिया गया है। साथ ही हजारों कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की गई है, जिन्होंने बिजली आपूर्ति को बाधित किया। माना जा रहा है कि सरकार कर्मचारियों के खिलाफ बड़े एक्शन के मूड में है। वहीं कर्मचारियों ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि हम किसी भी हाल में पीछे नहीं हटने वाले हैं, यहां तक कि बड़ी संख्या में कर्मचारी गिरफ्तारी देने के लिए भी तैयार हैं। जिस तरह से कर्मचारियों और सरकार के बीच तनातनी देखने को मिल रही है उसे देखते हुए अगले 24 घंटों में भी किसी तरह के राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं।
बिजली-पानी को तरसे लोग
उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिलों में बिजली की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित है। बुंदेलखंड सहित अन्य हिस्सों में भी हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है। बिजली आपूर्ति ठप होने की वजह से पानी की आपूर्ति भी पूरी तरह से ठप हो गई है, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फतेहपुर, कुंडा, रायबरेली, हदोई, उन्नाव सहित कई शहरों में लोगों को पानी के लिए टैंकर की मदद लेनी पड़ रही है। प्रतापगढ़ के हालात और भी बदतर हैं, कुंडा में दो दिन से लोग अंधेरे में हैं, लोगों को बिजली-पानी के बिना ही गुजर-बसर करना पड़ रहा है।
कई कर्मचारी बर्खास्त, फैक्ट्रियां बंद
उन्नाव इंडस्ट्रियल इलाके की बात करें तो यहां 2000 से अधिक फैक्ट्रियां बिजली की आपूर्ति ठप होने की वजह से बंद हो गई हैं। कानपुर में केस्को की ओर से 1100 से अधिक कर्मचारियों की लिस्ट भेजी गई है, जो हड़ताल कर रहे हैं। सरकार की ओर से इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अभी तक 531 में 243 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। बाकी को अल्टिमेटम दिया गया है कि वह काम पर लौट आए। पीलीभीत में भी बिजली की आपूर्ति ठप है।