उत्तरप्रदेशराज्य

मुख्‍तार अंसारी के पते पर कैसे शिफ्ट हो गया सपा विधायक के साले के असलहे का लाइसेंस, पुलिस टीम पहुंची कलेक्‍ट्रेट

लखनऊ

 सपा विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह का नगालैंड से बना शस्त्र लाइसेंस लखनऊ में मुख्तार के पते पर स्थानान्तरित होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने डीसीपी मध्य को इस मामले की जांच कराने के आदेश दिये। एसीपी हजरतगंज ने लाइसेंस की पत्रावलियां निकलवाना शुरू कर दी। पहले दिन पुलिस की एक टीम कलेक्ट्रेट पहुंची लेकिन वहां असलहा बाबू छुट्टी पर थे। पुलिस ने गोमतीनगर और विभूतिखंड थाने से भी कुछ दस्तावेज मांगे हैं। इस लाइसेंस के ट्रांसफर होने में वर्ष 2004 में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका भी पता की जा रही है।

एसटीएफ ने 26 मई को सरोजनीनगर से कालिन्दी अपार्टमेंट निवासी संदीप सिंह उर्फ पप्पू को नगालैंड से बने फर्जी शस्त्र लाइसेंस और पिस्टल और रायफल बरामद हुई थी। इस लाइसेंस को लेकर जब एसटीएफ ने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले जानकारियां सामने आयी। पता चला कि कलेक्ट्रेट के शस्त्रत्त् अनुभाग में तैनात कर्मचारियों से साठगांठ कर यह लाइसेंस लखनऊ में स्थानान्तरित हुआ। इस गिरफ्तारी के दूसरे दिन यह भी खुलासा हुआ कि नगालैंड से पहले यह लाइसेंस दारुलशफा विधायक निवास स्थित 107 बी फ्लैट के पते पर स्थानान्तरित कराया गया। वर्ष 2004 में यह फ्लैट तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के नाम आवंटित था। इस समय यह मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास अंसारी के नाम है।

बड़ी बारीकी से यह तथ्य छिपाया गया एसटीएफ की पड़ताल में यह सामने आया कि शस्त्रत्त् लाइसेंस में नम्बर के साथ थाना हजरतगंज लिखा था लेकिन पते वाले कॉलम में कालिन्दी अपार्टमेंट, विभूतिखंड लिखा हुआ था। यह देख एसटीएफ हजरतगंज थाने से पड़ताल की तो पता चला कि नगालैड से जारी दिखायी गई एनओसी 107-बी पते पर थी। इसके बाद ही सामने आया कि नगालैंड के मोन जिले से संदीप का लाइसेंस ही नहीं बना था। इसके साथ ही कई दस्तावेज कलेक्ट्रेट से भी गायब कर दिये गये।

कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने एसटीएफ को बैरंग लौटाया
एसटीएफ को संदीप के शस्त्र लाइसेंस से जुड़े दस्तावेज कलेक्ट्रेट से नहीं मिल पा रहे हैं। संदीप की गिरफ्तारी से पहले डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह की टीम ने शस्त्रत्त् अनुभाग से दस्तावेज मांगे तो जवाब मिला कि नगालैंड में ही सारी पत्रावलियां है। एसटीएफ ने पत्र लिखकर दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा तो जवाब मिला कि पत्रावलियां रिकार्ड में नहीं है। जांच अधिकारी का कहना है कि जब लखनऊ के पते पर स्थानान्तरित होने से जुड़े दस्तावेज मांगे जाने लगे तो असलहा बाबू छुट्टी पर चले गये। मंगलवार को एसटीएफ भी कलेक्ट्रेट पहुंची थी लेकिन वहां असलहा बाबू को छुट्टी पर बताया गया। एसटीएफ के अधिकारी का कहना है शस्त्रत्त् अनुभाग जांच में मदद नहीं कर रहा है।

एसीपी ने कलेक्ट्रेट टीम भेजी,कुछ पता नहीं चला
एसटीएफ के अलावा एसीपी अरविन्द ने मंगलवार को एक टीम संदीप के शस्त्र लाइसेंस का ब्योरा जुटाने कलेक्ट्रेट पहुंची। पुलिस को यहां कोई जानकारी नहीं मिली। कहा गया कि असलहा बाबू छुट्टी पर है। वहां मौजूद अन्य कर्मचारियों ने कुछ भी पूछने पर सीधे पल्ला झाड़ लिया। डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक का कहना है कि कई बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। इस मामले में बुधवार को एक टीम फिर पत्रावलियां जुटाने कलेक्ट्रेट जायेगी।

तीन संदिग्धों की कॉल डिटेल निकलवाई
एसटीएफ ने संदीप के शस्त्र लाइसेंस बनवाने में फर्जीवाड़ा करने में मदद करने वाले तीन लोगों की कॉल डिटेल निकलवायी है। इनकी कॉल डिटेल के आधार पर जानकारी जुटायी जा रही है। एसटीएफ इस बिन्दु पर भी पड़ताल कर रही है कि संदीप के इस लाइसेंस की जांच चल रही थी, उसके बाद भी मई के पहले सप्ताह में प्रभारी अधिकारी, शस्त्रत्त् की ओर से संदीप को रायफल व पिस्टल बेचने की अनुमति कैसे दे दी गई। इसी आधार पर दावा किया जा रहा है कि जांच में कलेक्ट्रेट के तीन-चार कर्मचारी कार्रवाई के दायरे में जरूर आयेंगे।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button