हिजबुल्लाह ने युद्धविराम की अपील की, 15 दिनों में ही आया घुटनों पर, गाजा की शर्त भी छोड़ी
तेल अवीव/ लेबनान
गाजा में एक साल से चल रहे भीषण रक्तपात के बावजूद जहां हमास आतंकियों ने सबकुछ गंवाने के बाद भी हार नहीं मानी, इजरायल ने महज 15 दिनों में ही हिजबुल्लाह को घुटनों पर ला दिया है। हिजबुल्लाह के उपनेता नईम कासिम ने इजरायल से युद्धविराम की अपील की है। हिजबुल्लाह इजरायल के सामने गाजा की शर्त भी छोड़ने के लिए राजी है। इजरायली सेना ने कुछ ही दिनों में हिजबुल्लाह के कई टॉप लीडर्स का खात्मा कर दिया है। हसन नसरल्लाह के बाद उसके उत्तराधिकारी सफीइद्दीन को भी मार डाला है। इसके अलावा हथियारों का जखीरा, सैकड़ों कमांडरों और आतंकियों का भी खात्मा हो चुका है। इजरायल ने साउथ लेबनान में भी काफी बढ़त हासिल कर ली है। जमीनी लड़ाई के दौरान इजरायली सेना ने कई इलाकों पर अपना कब्जा भी कर लिया है।
हिजबुल्लाह ने युद्धविराम की अपील की
इज़रायल द्वारा लेबनान-इज़राइली सीमा पर जमीनी सेना भेजकर और बेरूत और अन्य जगहों पर हवाई हमले जारी रखने के बीच हिजबुल्लाह अब लेबनान में युद्धविराम के लिए राजी हो गया है। हिजबुल्लाह ने युद्धविराम के लिए गाजा में संघर्ष विराम की शर्त भी छोड़ दी है। हिजबुल्लाह के उप नेता नईम कासिम ने कहा, "हम युद्धविराम हासिल के लिए किए जा रहे राजनीतिक प्रयासों का समर्थन करते हैं। एक बार जब युद्धविराम मजबूती से स्थापित हो जाए तो कूटनीति के जरिए अन्य बातों पर भी सहमति पूरी कर ली जाएगी। इस वक्त हमारे लिए लेबनान वासियों की जान से ज्यादा बढ़कर कुछ नहीं है।" क़ासिम ने मंगलवार को अपने टेलीविज़न भाषण में यह बात कही।
अमेरिका और अरब देशों ने शुरू की गुप्त वार्ता
आज इजरायली टेलीविजन चैनल 12 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और अरब राज्यों ने मध्य पूर्व में चल रहे तमाम युद्ध को रोकने के लिए ईरान के साथ गुप्त वार्ता शुरू कर दी है। 'एक्सियोस' ने तीन अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार सुबह इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर भी बात की। बाइडेन और नेतन्याहू के बीच ईरान से चल रहे संघर्ष को लेकर भी चर्चा की गई। समाचार आउटलेट ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि बाइडेन और नेतन्याहू ने लेबनान और गाजा में युद्ध पर भी चर्चा की है।
बता दें कि इजरायल ने गाजा में हमास से भीषण युद्ध के बीच लेबनान आतंकियों हिजबुल्लाह से सीधी लड़ाई का ऐलान किया था। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की युद्ध कैबिनेट ने उत्तरी सीमा पर लेबनान में आतंकियों की कमर तोड़ने और सीमा पर इजरायलियों को बार-बार के हमलों से बचाने की कसम खाई। इसके बाद 17 और 18 सितंबर को पेजर और वॉकी-टॉकी हमले से हिजबुल्लाह पर आक्रमण शुरू हुआ। हालांकि लेबनान में सीधी लड़ाई 23 सितंबर को शुरू की गई। इस दिन इजरायली सेना ने लेबनान में आतंकियों के खिलाफ सीधे हवाई हमले शुरू किए।
नसरल्लाह के बाद उसके उत्तराधिकारी भी मारे
इजरायली सेना ने लगातार और सटीक हमलों से हिजबुल्लाह को बुरी तरह चोट पहुंचानी शुरू की। 27 सितंबर को उसके चीफ हसन नसरल्लाह को एक हवाई हमले में मार डाला। फिर उसके उत्तराधिकारी सफीइद्दीन को और इसके अलावा हिजबुल्लाह के कई विंग कमांडरों को ढेर कर दिया। 23 सितंबर को शुरू की जंग में इजरायल ने हिजबुल्लाह को बुरी तरह पछाड़ दिया है। युद्ध रणनीति के तहत इजरायली सेना ने हवाई हमलों के बाद कुछ दिन पहले ही लेबनान में जमीनी हमला शुरू किया है। बुलडोजर और टैंकरों के साथ आईडीफ ने साउथ लेबनान में घुसपैठ की और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। हिजबुल्लाह के सिर्फ कमांडर और लीडर ही नहीं हथियारों के जखीरे भी अधिकांश नष्ट किए जा चुके हैं।