हेरिटेज शराब : बोतल भराई शुल्क, निर्यात शुल्क और परिवहन शुल्क से रहेगी मुक्त
भोपाल
राज्य सरकार भले ही प्रदेश में नई शराब की दुकाने नहीं खोल रही है लेकिन हेरिटेज शराब की बिक्री के बहाने नए आउटलेट प्रदेशभर में शुरु किए जा सकेंगे। एयरपोर्ट से लेकर एमडी वाइन के आउटलेट और बार में हेरिटेज शराब की बिक्री हो सकेगी। बोतलों पर सरकार यह चेतावनी भी देगी कि शराब पीकर वाहन न चलाएं। निर्माण से लेकर आउटलेट तक के लिए पांच हजार रुपए तक लाइसेंस शुल्क चुकाना होगा। प्रदेश में हेरिटेज फुटकर मदिरा दुकान (आरओ) के लिए एचएल-2 लाइसेंस लेने के लिए आवेदक को सालाना पांच हजार रुपए लाइसेंस शुल्क देना होगा।
हेरिटेज मदिरा निर्माण के लिए एचएलएमयू के लिए एचएल-1 लाइसेंस लेने के लिए भी पांच हजार रुपए का शुल्क देना होगा। एचएलएमयू स्थापित करने के लिए पहली बार में एक हजार रुपए शुल्क देना होगा। एचएल-1 क लाइसेंस के लिए लाइसेंस शुल्क एफआरओ एक हजार रुपए सालाना देना होगा। हेरिटेज शराब की बोतल पर नामपत्र लेबल रजिस्ट्रीकरण शुल्क के रुप में एक हजार रुपए प्रति लेबल के लिए देना होगा।
भरने से लेकर परिवहन तक पर कोई शुल्क नहीं
बोतल भराई शुल्क, निर्यात शुल्क और परिवहन शुल्क के लिए सरकार कोई शुल्क नहीं लेगी। हेरिटेज शराब डयूटी फ्री होगी।केवल बोतलबंद और लेबल युक्त हेरिटेज मदिरा के भारत के अंदर निर्यात की अनुमति दी जाएगी। खुली हेरिटेज मदिरा का केवल भारत के बाहर निर्यात किया जा सकेगा। आबकारी आयुक्त ही निर्यात की अनुमति देंगे। आबकारी आयुक्त हेरिटेज शराब के भंडारण के लिए देशी, विदेशी शराब के भाण्डागारों में इसके नि:शुल्क या सशुल्क भंडारण की अनुमति दे सकेंगे।
केवल आदिवासी विकासखंडों में निर्माण
प्रदेश के केवल 89 आदिवासी विकासखंडों में आदिवासी स्वसहायता समूह ही इसका उत्पादन कर पाएंगे। बिक्री के लिए ये दूसरों की मदद ले सकेंगे। अभी अलीराजपुर में इसका उत्पादन शुरु है। डिंडौरी में भी निर्माता संस्था के प्लांट में आज से इसकी टेस्टिंग शुरु हो गई।
कंपोजिट शराब दुकानों पर नहीं मिलेगी
हेरिटेज मदिरा की बिक्री देशी, विदेशी मदिरा की कंपोजिट शराब दुकानों पर नहीं हो सकेगी। यदि सरकार विशेष रूप से अनुमति देगी तभी यह संभव हो सकेगा। हेरिटेज मदिरा का निर्माण करने वाली इकाई, एयरपोर्ट की दुकानों और अनुमति प्राप्त फुटकर दुकान और बार के जरिए हेरिटेज शराब की बिक्री की जा सकेगी।