3CR में अपग्रेड होगी हमीदिया की 40 साल पुरानी कोबाल्ट मशीन
भोपाल
हमीदिया अस्पताल में कैंसर मरीजों को दी जाने वाली रेडियोथैरेपी के लिए 40 साल पुरानी कोबाल्ट मशीन को अपग्रेड कराने करीब 3 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है। जबकि वहीं अच्छी कंपनी की लीनियर एक्सीलेटर डुअल एनर्जी मशीन का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। बता दें कि इस मशीन की कीमत 15 से 16 करोड़ रुपए तक है। दरअसल हमीदिया अस्पताल की कोबाल्ट मशीन पुरानी होने के कारण लंबे समय से बंद है। इसके पार्ट्स भी मिलना बंद हो गए हैं। कंपनी ने इसको कोबाल्ट मशीन के इकोनॉक्स मॉडल में अपग्रेड करने का प्रस्ताव दिया है।
कोबाल्ट और लीनियर एक्सीलेटर मशीन
कैंसर मरीजों में रेडियोथेरेपी के लिए कोबाल्ट मशीन का प्रयोग पुरानी तकनीक है। इसकी तुलना में लीनियर एक्सीलेटर मशीन से की गई रेडियोथेरेपी ज्यादा एक्यूरेसी के साथ होती है। इसमें साइड इफेक्ट्स कम होते हैं। यह स्पेसिफिक काम करता है। कोबाल्ट मशीन में कोबाल्ट के जरिए इलाज होता है, जबकि लीनियर एक्सीलेटर में इलेक्ट्रॉन्स होते हैं। दोनों के खर्च में भी काफी अंतर होता है। कोबाल्ट मशीन से रेडियोथेरेपी में जहां प्राइवेट अस्पतालों में 15 हजार लगते हैं, वहीं लीनियर एक्सीलेटर से रेडियोथेरेपी में लाख से ज्यादा लगते हैं। आयुष्मान भारत योजना से मरीजों को राहत मिल रही है।
प्रायवेट में है लिनियर एक्सीलेटर मशीन
शहर के एक निजी अस्पताल में इससे 3 जनरेशन आगे की हेल्सिआॅन मशीन और 3 अस्पतालों में इससे दो जनरेशन आगे की लीनियर एक्सीलेटर मशीन उपलब्ध है। शहर में रोजाना 150 से ज्यादा मरीजों को रेडियोथैरेपी की जरूरत होती है। लेकिन, सरकारी सिस्टम में सिर्फ एम्स में लीनियर एक्सीलेटर मशीन ही उपलब्ध है। यहां एक दिन में 40-50 मरीज की रेडियोथैरेपी होती है। बाकी 100 से ज्यादा मरीजों को निजी सेंटर का रुख करना पड़ता है। हमीदिया में जब कोबाल्ट मशीन चलती थी, तब एक दिन में 100 मरीजों को रेडियोथैरेपी दी जाती थी।