गुजरात हाईकोर्ट से केजरीवाल-सजय सिंह को झटका, जाने क्या मामला
गांधीनगर
गुजरात हाईकोर्ट से आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को झटका लगा है। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है। यह फैसला सत्र न्यायालय में उनकी पुनरीक्षण याचिका के समाधान तक लागू होता है। दोनों के खिलाफ प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर गुजरात यूनिवर्सिटी पर टिप्पणी करने को लेकर मानहानि का केस चल रहा है। आप नेताओं ने अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है। ऐसे में जब तक मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन के खिलाफ उनके पुनरीक्षण आवेदन पर फैसला नहीं आ जाता तब तक के लिए उन्होंने कार्यवाही पर रोक की मांग की थी।
इससे पहले एक मजिस्ट्रेट ने दोनों को समन जारी किया था, और उन्हें 11 अगस्त को उपस्थित रहने को कहा था। उन्होंने सत्र अदालत के समक्ष उक्त आदेश को चुनौती दी, जिसने 5 अगस्त को कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। ऐसे में उन्होंने राहत के लिए गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया। गुजरात यूनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री का खुलासा न करने पर कथित तौर पर उसके खिलाफ अपमानजनक बयान देने के आरोप में दोनों नेताओं पर मुकदमा दायर किया है।
इस साल 17 अप्रैल को पारित एक आदेश में, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) जयेशभाई चोवतिया ने कहा था कि केजरीवाल और संजय सिंह द्वारा दिए गए बयान प्रथम दृष्टया मानहानिकारक थे। जज ने एक पेन ड्राइव में साझा किए गए मौखिक और डिजिटल साक्ष्यों पर ध्यान देने के बाद आदेश पारित किया था। जिसमें गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद किए गए केजरीवाल के ट्वीट और भाषण शामिल थे।
हाईकोर्ट के उक्त फैसले में, जस्टिस बीरेन वैष्णव ने यूनिवर्सिटी द्वारा दायर अपील की अनुमति दी थी और कहा था कि उसे प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री का खुलासा करने की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इन तथ्यों पर ध्यान देते हुए, मजिस्ट्रेट ने राय दी कि आरोपी राजनेता सुशिक्षित राजनीतिक पदाधिकारी हैं। उन्हें पता है कि उनके बयान जनता पर बड़े पैमाने पर प्रभाव डालते हैं।