सोना-चांदी ने रचा नया रेकॉर्ड, बढ़ती कीमत देश की अर्थव्यवस्था के लिए कितनी बेहतर
नई दिल्ली
सोने और चांदी की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कई दिनों से इसमें काफी तेजी आई है। सोना नई ऊंचाई पर पहुंच गया। MCX पर 24 कैरेट सोने की कीमत 75500 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गई। यह अब तक की सबसे ज्यादा कीमत है। वहीं जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसकी कीमत में और तेजी आ सकती है। दरअसल, त्योहारी और शादी के सीजन को देखते हुए सोने की मांग में बढ़ोतरी होगी। ऐसे में इसकी कीमत में तेजी आ सकती है।
वहीं दूसरी तरफ एक बात यह भी है कि सोने की बढ़ती कीमत देश की अर्थव्यवस्था पर किस प्रकार असर डाल सकती है। इस साल सोने की कीमत में करीब 30 फीसदी का उछाल आया है। इसका कारण है कि भारत, चीन आदि देशों ने अपने यहां सोने का भंडार बढ़ाया है। यह इसलिए ताकि इन देशों को दूसरे देशों के साथ व्यापार के लिए पूरी तरह अमेरिकी डॉलर पर निर्भर न रहना पड़े।
मंदी में कितना काम का सोना?
जानकारों के मुताबिक सोने में यह तेजी बताती है अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी भी संकट से पूरी तरह बाहर नहीं निकली है। यह तब है जब शेयर मार्केट नई ऊंचाई पर है। मार्केट में जब अनिश्चितता होती है तब काफी व्यापारी सोने की ओर आकर्षित होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मार्केट में अनिश्चितता के कारण आई मंदी में इसकी कीमत स्टॉक्स, बॉन्ड्स और करेंसी की तुलना में बेहतर होती है। ऐसे में व्यापार का लेन-देन सोने में करना आसान होता है। यही कारण है कि मंदी में सोना काफी काम आता है।
ब्याज दरों में कटौती के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व की ओर से पिछले हफ्ते ब्याज दर में कटौती की गई थी। जानकारों का कहना है कि इसमें कटौती के बावजूद अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति अभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इनके मुताबिक अगर बेरोजगारी दर एक बार बढ़ जाए तो इसे कम करना काफी मुश्किल होता है। अमेरिका में बेरोजगारी दर अभी भी बड़ा मुद्दा है। मंगलवार को आए कंज्यूमर कॉन्फिडेंस डेटा के मुताबिक अमेरिकी अपने देश की अर्थव्यवस्था और जॉब मार्केट को लेकर काफी निराश हैं।
रिटर्न में सोने पर भारी चांदी
बात अगर चांदी की करें तो इसने भी निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है। गुरुवार को इसकी कीमत प्रति किलो 93 हजार रुपये पार निकल गई। यह भी नया रकॉर्ड है। सालाना रिटर्न के मामले में इसकी तुलना सोने से न करें, यह नहीं हो सकता। चांदी ने एक साल में करीब 34 फीसदी रिटर्न दिया है। यह सोने के रिटर्न से ज्यादा है।
चांदी में तेजी इस बात का संकेत है कि इसकी मांग बढ़ रही है। चांदी का इस्तेमाल सिर्फ ज्वेलरी में ही नहीं, बल्कि इंडस्ट्री में भी काफी होता है। इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में होता है। चांदी में बढ़ती मांग इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ेगी।
चांदी कैसे बदलेगी आर्थिक स्थिति?
सोलर एनर्जी: सोलर एनर्जी के लिए इस्तेमाल होने वाले पैनल और बैटरी में चांदी का इस्तेमाल होता है। देश इस समय रिन्यूएबल एनर्जी के सेक्टर में तेजी से गति पकड़ रहा है। ऐसे में सोलर पैनल की मांग बढ़ेगी और ज्यादा चांदी की ज्यादा खपत होगी। ऐसी स्थिति में चांदी की कीमत में इजाफा हो सकता है जो निवेशकों के लिए फायदे का सौदा होगा।
इलेक्ट्रिक व्हीकल: डीजल, पेट्रोल के अलग देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी में चांदी का प्रयोग होता है। बैटरियों के ज्यादा प्रोडक्शन से चांदी की मांग बढ़ेगी। ऐसे में यहां भी निवेशकों को ही फायदा होगा।