पंखे से बनाए हथियार, पेनकिलर खाकर रात बिताई; गोगी गैंग ने तिहाड़ में ऐसे किया टिल्लू ताजपुरिया का मर्डर
नई दिल्ली
तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जांच टीम के मुताबिक, आरोपी कैदी टिल्लू को एक दिन पहले यानी एक मई को ही मौत के घाट उतारने वाले थे, लेकिन सुरक्षा कर्मियों के गश्त पर होने के कारण योजना फेल हो गई थी। इसके बाद उन्होंने दो मई को मौका मिलते ही उसे मार डाला।
सूत्रों की मानें तो सभी हमलावरों ने एक मई की पूरी रात पहली मंजिल पर जागकर बिताई थी। उन्होंने अपने जूते तक नहीं उतारे थे और मंगलवार सुबह 6:10 बजे जैसे ही सुरक्षाकर्मी वहां से हटे तो उन्होंने जाली तोड़कर टिल्लू का कत्ल कर दिया। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि लोहे की यह जाली काफी पुरानी हो चुकी थी और यह हिस्सा सीसीटीवी कैमरों की नजर में भी नहीं आ रहा था। हमलावरों को इस बात का पहले से पता था। लिहाजा, उन्होंने करीब 20 दिन पहले इस जेल में टिल्लू के शिफ्ट होने के बाद से ही उसे निपटाने की तैयारी शुरू कर दी थी और धीरे-धीरे लोहे की जाली को काटना शुरू कर दिया था। कुछ दिन टिल्लू पर नजर रखने के बाद उन्हें समझ में आया कि सुबह के समय ही हत्या की जा सकती है।
पेन किलर दवाइयां खाईं : सूत्र ने बताया कि गोगी गैंग के गुर्गों ने टिल्लू को मारने से पहले पेन किलर दवाइयां भी खा रखी थीं, ताकि हमले के बाद अगर उनकी पिटाई हो तो उन्हें दर्द ना हो। इसकी भी जांच की जा रही है।
स्पेशल सेल की टीम ने मुआयना किया : जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम तिहाड़ जेल पहुंची और मौके का मुआयना किया। चूंकि, जांच स्पेशल सेल को सौंपी गई है। सीसीटीवी फुटेज से लेकर घटनास्थल के रूट और ऊपरी मंजिल से नीचे उतरने तक का पूरा मैप तैयार किया जा रहा है।
ऐसे बनाए हथियार : तजपुरिया को मारने के लिए हथियार की व्यवस्था करना आरोपियों के लिए चुनौती भरा था। जब उन्हें कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने अपनी मंजिल के बैरक में लगे एग्जास्ट फैन की लोहे की जाली के हिस्सों को निकाला और उन्हें घिस-घिसकर नुकीला बनाकर चाकू व सुए जैसा बना दिया।
अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किए गए चारों आरोपी
टिल्लू ताजपुरिया पर हमला करने वाले सभी हमलावर कैदियों को सुरक्षा कारणों से दूसरी जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है। राजेश बवाना को रोहिणी जेल में शिफ्ट किया गया, जबकि रियाज खान को मंडोली, योगेश टुंडा और दीपक उर्फ तीतर को तिहाड़ जेल के अंदर दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया है। कभी इन पर कोई हमलावर न कर दे, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
तिहाड़ जेल में लगी जाली सीसीटीवी की जद से बाहर
सतर्कता विभाग को टिल्लू की हत्या की जांच में पता चला है कि जेल नंबर आठ और नौ के बीच लगी जाली सीसीटीवी कैमरे की जद से बाहर थी। यही वजह रही कि जब हमलावर कैदी खिड़की की ग्रिल काट रहे थे तो वह सीसीटीवी में कैद नहीं हो सका। सूत्रों का कहना है कि तमिलनाडु सिक्योरिटी पुलिस (टीएसपी) के जिन जवानों की मौजूदगी में टिल्लू को मारा जा रहा था वह खुद गैंगस्टरों से भयभीत नजर आए। इस मामले में अभी तक उनके निलंबन की कार्रवाई नहीं की जा सकी है। इनके निलंबन की कार्रवाई के लिए डीजी तिहाड़ संजय बेनीवाल ने तमिलनाडु पुलिस के अधिकारियों को गुरुवार को ही मेल कर दिया था।
हमलावरों ने कमजोर जाली का फायदा उठाया
नियम के मुताबिक, जेल वार्डन सुबह 6 बजे सभी कैदियों की सेल के ताले खोल देता है, क्योंकि यह जेल का एक रुटीन है, इसलिए चारों हमलावरों ने सोचा कि इस वक्त ही ये अपनी-अपनी सेल के बाहर आकर एक साथ टिल्लू पर हमला कर सकते हैं। वहीं, आरोपियों ने लोहे की जाली कमजोर होने का फायदा उठाया। वैसे भी पहली मंजिल से नीचे वाली मंजिल पर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था। दोनों मंजिल के बीच में केवल लोहे की जाली है।
जेल प्रशासन ने क्यूआरटी गठित की
गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की सनसनीखेज वारदात के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा शनिवार इस तरह की घटनाओं से भविष्य में निपटने के लिए क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) का गठन किया है। जेल प्रशासन द्वारा गठित इस क्यूआरटी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों के साथ दिल्ली जेल के कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को जान का डर
पटियाला हाउस अदालत ने शनिवार को तिहाड़ जेल अधीक्षक को गैंगस्टर दीपक बॉक्सर द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें जीवन का डर व्यक्त किया गया और दूसरी जेल में स्थानांतरण की मांग की गई। इस बीच, अदालत ने जेल अधिकारियों को जेल के अंदर गैंगस्टर की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में प्रतिद्वंद्वी गिरोह ने टिल्लू की हत्या कर दी थी।