राजनांदगांव
संस्कारधानी नगरी में रियासत काल से विभिन्न मंदिरों मे प्राण प्रतिष्ठित लड्डूगोपाल भगवान एवं भगवान राधाकृष्ण भादवा शुक्ल पक्ष एकादशी ( जलझूलनी एकादशी ) के अवसर पर अपने-अपने मंदिरों से निकलकर भव्य डोलो मैं बैठकर भजन सत्संग करते भक्तो के संग नगर भ्रमण करते हुए रानीसागर पहुंचते हैं। जहां भगवान जल क्रीड़ा का आनंद प्राप्त करते हैं। वर्ष 2018 में श्री सत्यनारायण मंदिर समिति के आवाहन पर नगर के विभिन्न मंदिरों से निकलने वाले भगवान के डोले श्री बालाजी मंदिर पुराना गंज मंडी में एकत्रित होकर एक साथ संस्कारधानी जल क्रीड़ा महोत्सव के बैनर तले शोभायात्रा के रूप में निकल रहे हैं।
संस्कारधानी जल क्रीड़ा महोत्सव समिति द्वारा एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से श्री सत्यनारायण मंदिर समिति के अध्यक्ष अशोक लोहिया ने बताया कि इस भव्य शोभायात्रा में सत्यनारायण मंदिर , श्री बाला बाबा मंदिर , बलभद्री जमात मंदिर , श्री मोती नाथ मंदिर , श्री जलाराम राम मंदिर , श्री बलदेव राधा कृष्ण किला मंदिर , स्वामी जुगल किशोर बड़े जमात मंदिर , नोनी बाई मंदिर , श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर सहित अनेक निवासो में विराजित भगवान सजधज कर डोले अथवा रथ में विराजमान होकर एक साथ शोभायात्रा में शामिल होंगे। इस वर्ष भी जल क्रीड़ा महोत्सव को भव्य स्वरूप में धूमधाम से मनाया जाएगा।
जल क्रीड़ा महोत्सव के अंतर्गत सभी मंदिरों के भगवान मंगलवार 25 सितंबर को दोपहर 2:00 बजे तक श्री बालाजी मंदिर पुरानी गंज मंडी पहुंचेंगे। यहां पधारे हुए सभी देवताओं का पूजन अर्चन श्री बालाजी मंदिर की ओर से किया जावेगा। आरती पश्चात दोपहर 2:30 बजे भजन सत्संग के साथ भव्य शोभायात्रा प्रारंभ होगी। सुसज्जित डोलो में विराजे भगवान की शोभायात्रा पुरानी गंज मंडी बालाजी मंदिर से प्रारंभ होकर तिरंगा चौक , रामाधीन मार्ग , श्री श्याम मंदिर गली से कामठी लाइन , भारत माता चौक , आजाद चौक , मानव मंदिर चौक से फौवरा चौक होते हुए रानी सागर पहुंचेगी। यहां भव्य सुसज्जित नाव में बैठकर भगवान जल क्रीड़ा करेंगे।