महासमुन्द
शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के शुरू होने से ग्रामीण अंचलो मे रोजगार के नए रास्ते खुले है, जिससे यहाँ ग्रामीणों मे पशुपालन को लेकर रुचि बढ़ रही है। साथ ही पशुपालक गोबर बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे है। ग्राम जोरातराई के रहने वाली श्रीमती किरित बाई यादव एक सीमांत कृषक परिवार से है। पहले ये खेती का कार्य करती थी।
उनके पास 7-8 गाय और भैंस थी, जिसके गोबर का उपयोग वे अपने खेत में खाद के रूप में करती थी। जब से गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर खरीदी होने से ये गोबर का विक्रय करने लगी, जिससे उन्हें लाभ प्राप्त हुआ। गोबर बेचकर प्राप्त राशि से उन्होंने और गाय, भैंस एवं बकरी खरीदी। जिससे आज उनके पास 15 भैस , 18 गाय एवं 12 बकरी/बकरा हो गए है। अधिक पशु होने से वो गोबर का विक्रय अधिक मात्रा मे करने लगी। इस तरह से उन्होंने अब तक कुल 1495 क्विंटल गोबर बेच कर लगभग 2 लाख 99 हजार रुपए की आय प्राप्त कर चुकी है।
उन्होंने गोबर विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग अपने कच्चे घर को पक्का बनाने में किया। इस तरह गोधन न्याय योजना से वो अपने परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सुखी जीवन यापन कर रही है। गांव मे रहकर लोगों के लिए ये गतिविधियां अजीविका को बेहतर बनने मे मददगार साबित हुई है। किरित बाई ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद दिया है।