धार्मिक

अक्षय तृतीया से पहले इन पुराने सामान को घर से करें बाहर

अक्षय तृतीया वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार अक्षय तृतीया शनिवार, 22 अप्रैल को मनाई जाएगी। चूंकि, इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों उच्च राशि में स्थित होते हैं, इसलिए इस दिन सोना खरीदना या नई चीजों में निवेश करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था।

शुभ फलों में होगी वृद्धि

वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया को हिंदू कैलेंडर के सबसे शुभ अवसरों में से एक माना जाता है। अक्षय तृतीया को 'अखा तीज' भी कहा जाता है। इस दिन मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी की जाती है। लेकिन इसके शुभ फल प्राप्त करने के लिए घर से कुछ चीजें हटानी भी जरुरी होती हैं। इनकी वजह से घर में नकारात्मकता बनी रहती है और पूजा-पाठ का पूरा फल नहीं मिलता है।

टूटी झाड़ू

झाडू स्वच्छता का प्रतीक है और इसे मां लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, घर में टूटी झाड़ू पड़ी हो, तो घर की बरकत खत्म हो जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा का फल भी नहीं मिलता है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन घर में रखी टूटी झाड़ू को बाहर निकाल देना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

पुराने बर्तन और जूते-चप्पल

घर में टूटे-फूटे बर्तन से परिवार में अशांति फैलती है और फटे-पुराने जूते-चप्पल दरिद्रता की निशानी माने जाते हैं। इसलिए अक्षय तृतीया से पहले टूटे-फूटे बर्तन और फटे-पुराने जूते-चप्पल हटा लें। इनके रहने से माता लक्ष्मी रुष्ट होती हैं और घर में नकारात्मकता का वास हो जाता है। अक्षय तृतीया के पूर्ण फल के लिए इन्हें पहले ही बाहर निकाल दें।

सूखे पौधे

अगर आपने घर में पौधे लगाए हैं और वो कई दिनों से सूखे पड़े हों, तो उन्हें मिट्टी में गाड़ दें या नदी में प्रवाहित कर दें। सूखे पौधे घर में वास्तुदोष का कारण बनते हैं और बुध दोष उत्पन्न करते हैं। सूखे पौधों को घर से दूर कर देने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और जीवन में तरक्की होती है। इसलिए अक्षय तृतीया की पूजा से पहले इनकी साफ-सफाई अवश्य करें।

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