खाली होने की कगार पर गाजा, 19 लाख लोग विस्थापित, भोजन-पानी को भी तरसे
गाजा
इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के चलते संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा की 40 प्रतिशत आबादी पर अकाल का खतरा मंडरा रहा है. गाजा में सुबह हवाई हमलों में 50 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए, जिसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 21,300 हो गई है. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में 21,320 लोग मारे गए हैं.
इजरायल-हमास युद्ध तीसरे महीने में प्रवेश करने वाला है और फिलहाल संघर्ष रुकने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। इससे संकेत मिल रहे हैं कि गाजा खाली होने की कगार पर है, क्योंकि क्षेत्र की करीब 85 फीसदी आबादी विस्थापित हो चुकी है। इधर, हमास के हमले के बाद से ही इजरायली बलों की कार्रवाई जारी है।
संयुक्त राष्ट्र के UNOCHA का कहना है कि गाजा में जारी इजरायल के सैन्य हमलों में करीब 19 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। यह क्षेत्र की कुल आबादी का अनुमानित 85 फीसदी हिस्सा है। इसके अलावा UNOCHA ने गाजा में महिलाओं और बच्चों की बुरी स्थिति का ब्योरा भी दिया है। UN का कहा है कि यहां कई बच्चों पर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
UNOCHA ने ट्वीट किया, 'गाजा में अधिकांश लोग विस्थापित हो चुके हैं। कई परिवार सुरक्षा के लिए बार-बार जगह बदलने पर मजबूर हो रहे हैं।' आगे कहा गया, 'सीमित खाद्य आपूर्ति, जीवन के लिए बुनियादी चूजों की कमी, और साफ-सफाई की कमी बुरे हालात को और बढ़ा रही है।' संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के अनुसार गाजा में चार में से एक फिलिस्तीनी भूख से पीड़ित है।
हमलों में कई फलस्तीनी नागरिकों की मौत
इजराइल के हमले में उत्तरी गाजा का अधिकांश भाग तबाह हो चुका है, बड़े पैमाने पर यहां से लोगों का पलायन हो चुका है और कई हफ्तों से यह क्षेत्र शेष गाजा से कटा हुआ है। कई लोगों को डर है कि गाजा के दक्षिण क्षेत्र में भी ऐसा ही हश्र होगा।
इजरायली सेना ने गाजा में गुरुवार को शहरों, कस्बों और शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाकर जमीनी और हवाई हमले किए, जिसमें कई फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं और हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। गाजा में चरमपंथी समूह हमास को निशाना बनाकर इजराइल की ओर से किए जा रहे हमलों में अब तक 20 हजार से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है।