बीजापुर
पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने छत्तीसगढ़ सरकार पर तेंदूपत्ता के लाखों संग्राहकों को गायब करने का आरोप लगाते हुए तेंदूपत्ता खरीदी में सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए उन्होने कहा कि संग्राहकों का शासकीय आंकड़ा प्रदेश में 14 लाख है, लेकिन वर्तमान संग्राहकों की संख्या 10 लाख बताई जा रही है। इस दृष्टि से चार लाख संग्राहक गायब कहां हुए सरकार जवाब दे। इस प्रकार से आठ हजार मानक बोरा औसत विक्रय मूल्य के मान से तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रदेश में तीन सौ बीस करोड़ रुपये का नुकसान इस वर्ष हुआ है। इस नुकसान राशि को प्रदेश सरकार से संग्राहकों को देने की मांग की है।
पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने यह भी बताया है कि सरकार ने फड़ मुंशियों को बारह हजार देने की बात कही थी, इस पर भी अमल नहीं किया गया जिससे फड़ मुंशियों को बीस लाख रुपये का नुकसान इस वर्ष में हुआ है। चार सालों में कम मानक बोरा खरीदी के चलते 78 करोड़ के नुकसान हुआ है, साथ ही बीजापुर जिला आदिवासी बहुल क्षेत्र है यहां की आय का स्रोत तेंदूपत्ता मुख्य साधन है, लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते बीजापुर जिले में चालीस हजार मानक बोरा कम खरीदी किया गया है, जिससे 32 करोड़ का नुकसान बीजापुर जिले के संग्राहकों को हुआ है। इस मुख्य विषय पर यहां के विधायक अनभिज्ञ बने फड़ मुंशी का कार्य करते घूम रहे हैं। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष जी. वेंकट, एसटी मोर्चा जिलाध्यक्ष जिलाराम राना, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य फूलचंद गागड़ा मौजूद रहे।