रायपुर
भगोड़े मेहुल चोकसे के रेड कार्नर नोटिस रद्द होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अडानी के घोटाले पर पर्दा डालने के लिये संसद में चर्चा नहीं कराने वाली तथा विपक्षी दलों के द्वारा अडानी के घोटाले का संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग ठुकराने वाली मोदी सरकार ने अब अपने एक और मित्र मेहुल चोकसे को भी कानून के सिकंजे से बचाने तथा भारत में गिरफ्तार करके लाने की संभावनाओं को बंद करवा दिया गया। मोदी सरकार की ईडी-सीबीआई मेहुल चौकसी के खिलाफ इंटरपोल को पर्याप्त सबूत नहीं दे पायी इसलिए इंटरपोल ने मेहुल चौकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द कर दिया। अभी तो मेहुल चोकसे के बच निकलने के रास्ते बनाये गये है। यह तय है कि निकट भविष्य में नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मित्रों को बचाने के रास्ते मोदी सरकार खोजेगी। भारत सरकार और सीबीआई ने मजबूती से अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी इंटरपोल के समक्ष मेहुल चोकसे के खिलाफ पक्ष रखा होता तो उसका रेड कार्नर नोटिस रद्द नहीं होता यह मोदी सरकार द्वारा अपराधी को राहत देने के लिये लापरवाही बरती गयी।
मरकाम ने कहा कि यह मोदी सरकार का चरित्र है विपक्षी दल के प्रमुख नेता को जनता के हितों की आवाज उठाने पर दिल्ली पुलिस से नोटिस दिलवाते है तथा देश का पैसा लेकर विदेश भागने वाले मेहुल चोकसे के खिलाफ रेड कार्नन नोटिस को फड़वाते है। घोटाले बाज अडानी के खिलाफ जांच नहीं करवाने के लिये पूरी भाजपा संसद में एकजुट हो जाती है। राहुल गांधी द्वारा लोकतंत्र के हित में उठाई गयी आवाज को दबाने संसद नहीं चलने दिया जाता। यह भाजपा का फासीवादी चरित्र है। केंद्र में मोदी भाजपा की सरकार बनने के बाद देश का पैसा लूटने वाले जेल नहीं जाते हैं बल्कि मोदी सरकार के संरक्षण में विदेश भाग जाते हैं और ऐसे आराम की जिंदगी जीते हैं मेहुल चौकसी जिसके ऊपर देश के बैंकों का 13000 करोड़ से अधिक का फ्रॉड करने का आरोप है जिसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए थी और बैंकों की पैसा रिकवरी होनी चाहिए थी मोदी सरकार के संरक्षण में आसानी से वह भारत को छोड़कर विदेश में जाकर बस जाते हैं मोदी सरकार उस पर कोई कार्यवाही नहीं करती है मेहुल चौकसी के गिरफ्तारी के बजाय अब मोदी सरकार उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को हटवा कर मेहुल चौकसी को आजाद कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी भाजपा सरकार बनने के बाद जो देश के हालात बने हैं सज्जन लोगों के पीछे ईडी सीबीआई आईटी घूम रही हैं और फ्रॉड लोगों को मोदी सरकार संरक्षण देकर बचा रही है। सदन में भी मोदी सरकार का रवैया हेराफेरी करने वालों को बचाने जैसा ही है अडानी के लाखों करोड़ के गड़बड़झाला पर अडानी के द्वारा एलआईसी और एसबीआई से लिए गए हजारों करोड़ के गबन पर जब कांग्रेस के नेता सदन में आवाज उठाते हैं, जेपीसी जांच की मांग करते हैं तब सदन की आवाज को माइक को बंद कर दिया जाता है और सदन में उठने वाली आवाज को दबाई जाती है।