रायपुर
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूती और कांग्रेस सरकार के कामो से भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व डरा हुआ है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा का नेतृत्व को इस बात का अहसास हो गया है कि स्थानीय नेतृत्व के भरोसे छत्तीसगढ़ में भाजपा दहाई अंको तक भी नहीं पहुंच पायेगी। इसीलिये भाजपा के राष्ट्रीय नेता घबराहट में छत्तीसगढ़ की ओर दौड़ लगा रहे है। लेकिन इनके पास राज्य की जनता के लिये राज्य की जनता की भलाई के लिये कोई कार्ययोजना नहीं है वे सिर्फ राज्य की जनता को ठगने की नीयत से छत्तीसगढ़ आ रहे है। प्रधानमंत्री मोदी को छत्तीसगढ़ की याद 4 साल तक नहीं आई। छत्तीसगढ़ की जनता ने 9 सांसद जिताकर भेजा था लेकिन भाजपा की केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के प्रति सौतेला रवैय्या रखा। चुनाव सामने देखकर भाजपा को छत्तीसगढ़ की याद आ रही है।
शुक्ला ने कहा कि यह इस बात का घोतक है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी मृत परिस्थति में है भाजपा के अस्तित्व को बचाने के लिये पूरी भाजपा का नेतृत्व प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष छत्तीसगढ़ में उतर आये है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद जनता को 15 साल बाद में एक विश्वसनीय सरकार मिली है जो उनके लिये न सिर्फ योजनाये बना रही है उसका ईमानदारी से जमीन स्तर पर ठोस क्रियान्वयन कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की कोई भी संगठनात्मक गतिविधि कांग्रेस पार्टी को, कांग्रेस सरकार की नीतियों को चुनौती देने में कामयाब होगी इसमें कोई संदेह है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने जनता का भरोसा खो दिया है और 2018 विधानसभा चुनाव के बाद से ही लगातार जनता भारतीय जनता पार्टी के ऊपर अविश्वास जता रही। इसका एक बड़ा कारण यह है कि भूपेश बघेल एक बड़े छत्तीसगढ़ के ब्रांड के रूप में उभरे है। उनकी योजनायें सरकार के कामकाज के मुकाबले करने के लिये भारतीय जनता पार्टी के पास कुछ भी नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के जो स्थानीय नेता है उन पर से उनके नेतृत्व का भरोसा खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा है कि भाजपा अपने अंतर्विरोध के कारण जर्जर हो गई है। छत्तीसगढ़ के विकास में बाधक बनने की वजह से राज्य की जनता के सामने मुंह दिखाने लायक नहीं रह गई है। उसकी केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता के साथ भेदभाव पूर्ण अन्याय कर भाजपा के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है। भाजपा के राष्ट्रीय नेता छत्तीसगढ़ आ रहे है तो छत्तीसगढ़ की जनता उनसे यह भी जवाब चाहती है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय क्यों कर रही? केंद्रीय योजनाओं में छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? छत्तीसगढ़ के हिस्से का 55 हजार करोड़ केंद्र ने रोक रखा है उससे राज्य के विकास कार्य प्रभावित हो रहे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित केंद्र के नेता इसके बारे में पहल क्यों नहीं कर रहे? क्या छत्तीसगढ़ भाजपा के लिये सिर्फ चुनावी लिहाज से ही जरूरी है? राज्य के विकास में भाजपा का कोई कर्तव्य नहीं?