फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़, साइबर फ्रॉड की 3 दिन की कमाई 10 करोड़
रांची
अररिया के जिस लैबकर्मी जितेन्द्र कुमार मंडल को रांची की साइबर क्राइम ब्रांच गिरफ्तार कर जेल भेजी है, उसने अपने बैंक खाते से करीब 10 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया है। वह भी तीन दिन के भीतर। यानी साइबर ठगी से उसकी तीन दिन की कमाई 10 करोड़ रुपए हुई। जितेन्द्र ने साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के समक्ष इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भी खुलासा किया है।
पूछताछ और बैंक खातों की जांच में साइबर क्राइम ब्रांच को यह पता चला कि जितेन्द्र के खाते में इसी साल जून महीने के तीन दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों से 10 करोड़ रुपए ऑनलाइन राशि ट्रांसफर की गई। यह देश के अलग-अलग हिस्सों से एक-दो लाख रुपए करके जमा हुई थी। इस 10 करोड़ रुपए को इन्हीं तीन दिनों के भीतर चीन और हांगकांग के दर्जनों साइबर अपराधियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। पैसे जमा और ट्रांसफर होने का मैसेज जितेन्द्र के मोबाइल पर आया था। पूछताछ में जितेन्द्र ने बताया कि उसका बड़ा भाई भी इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का सदस्य है। इधर, क्राइम ब्रांच की टीम जितेन्द्र के भाई की तलाश में जुट गई है।
अफसरों का कहना है कि उसके पकड़े जाने पर इस सिंडिकेट की अहम जानकारी मिल सकती है।
खाता खोलकर कमाने का दिया जा रहा लालच
पूछताछ में जितेन्द्र ने क्राइम ब्रांच की टीम को बताया कि उसके बड़े भाई ने ही बैंक में उसका अलग से खाता खुलवाया था। उसने कहा था कि खाता खुलवाने के एवज में उसे हर महीने पैसे मिलते रहेंगे। आरोपी ने बताया कि जनवरी माह में ही उसका खाता खुला था।
ट्रांजेक्शन के एवज में मिलता है कमीशन
रांची साइबर क्राइम ब्रांच को जितेन्द्र के खाते से 10 लाख रुपए मिले। इसे जब्त किया गया और खाते को फ्रीज करने के लिए बैंक को पत्र भी भेजा गया है। क्राइम ब्रांच के अनुसार यह पैसे जितेन्द्र को ट्रांजेक्शन के एवज में बतौर कमीशन मिला है। हालांकि उसने इंकार किया है।
ऐसे हुआ सिंडिकेट का पर्दाफाश
रांची के एक व्यवसायी की पत्नी से 85 लाख की ठगी हुई थी। साइबर थाने में जुलाई में इसकी प्राथमिकी दर्ज करायी गई। महिला को साइबर ठग ने बताया था कि यूट्यूब में वीडियो लाइक करने के एवज में पैसे मिलेंगे। महिला को इसके लिए पैसे भी मिले। इसे क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से निवेश करने का प्रस्ताव ठगों ने दिया। महिला ने निवेश किया और करीब 85 लाख रुपए ठग लिए गए। ये पैसे जितेन्द्र के खाते में ट्रांसफर हुए थे। उसकी गिरफ्तारी से कई राज खुले।