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दिल्ली में पहली बार ऐसी बाढ़, सड़कें डूबीं और कॉलोनियों में घुसा पानी

नई दिल्ली
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से आई सबसे बड़ी बाढ़ ने त्राहिमाम वाले हालात पैदा कर दिए हैं। राजधानी गुरुवार सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर 208.46 मीटर दर्ज किया गया, जो कल दोपहर 1 बजे नदी बाढ़ के उच्चतम रिकॉर्ड 207.49 मीटर को पार कर गया था। बाढ़ का पानी कई निचले इलाकों में घुसने के साथ ही कुछ प्रमुख सड़कों पर भी आ गया है। इसके चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। स्थिति को संभालने के लिए एनडीआरएफ की 12 टीमें दिल्ली में तैनात की गई हैं। बाढ़ के हालात को देखते हुए दिल्ली से लेकर केंद्र सरकार तक अलर्ट मोड पर आ गई है।

दिल्ली में यमुना ने तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड
जानकारी के अनुसार दिल्ली में बुधवार रात 11 बजे यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 208.08 मीटर पर पहुंच गया था। इससे पहले 45 साल पहले 1978 में नदी का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंचने का रिकॉर्ड था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना में बढ़ते हुए जलस्तर के मद्देनजर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से तुरंत जगह खाली करने की अपील की है।
 

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अब खुद सड़क पर उतरकर मोर्चा संभाल लिया है और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गुरुवार को राजधानी में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है। डीडीएमए के अधिकारियों ने कहा कि बैठक दोपहर 12 बजे एलजी सचिवालय में होगी, बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे। दिल्ली सरकार के अनुसार, अपनी निकासी योजना के तहत, निचले इलाकों में रहने वाले कुल 16,564 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 14,534 लोग शहर भर में तंबू/आश्रयों में रह रहे हैं। यमुना की तलहटी में बसे निचले इलाकों में चारों ओर बस पानी ही पानी दिख रहा है। हजारों लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है क्योंकि नदी के पास के घरों और बाजारों में पानी घुस गया है, जिससे उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि मजनूं का टीला और वजीराबाद के बीच के हिस्से सहित व्यस्त रिंग रोड के कुछ हिस्सों में जलभराव के कारण यातायात बाधित हो गया है। बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। इस धारा के तहत चार से अधिक लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने पर रोक होती है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बुधवार सुबह चार बजे 2013 के बाद पहली बार 207 मीटर के निशान को पार कर गया। यह शाम चार बजे तक बढ़कर रिकॉर्ड 207.71 मीटर के निशान तक पहुंच गया। रात 11 बजे यह बढ़कर 208.08 मीटर हो गया और गुरुवार सुबह सात बजे तक इसके 208.46 मीटर तक पहुंच गया। 

Pradesh 24 News
       
   

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